पंत मामले के बाद जयवर्धने ने की नियमों में बदलाव की मांग

माहेला जयवर्धने का मानना है कि तकनीक का बेहतर उपयोग करने के लिए वीडियो अंपायर और मैदानी अंपायरों के बीच अधिक से अधिक सूचनाओं का संचार होना चाहिए।
पंत मामले के बाद जयवर्धने ने की नियमों में बदलाव की मांग
पंत मामले के बाद जयवर्धने ने की नियमों में बदलाव की मांगSocial Media

मुम्बई। मुंबई इंडियंस के कोच और आईसीसी हाल ऑफ फेम माहेला जयवर्धने का मानना है कि तकनीक का बेहतर उपयोग करने के लिए वीडियो अंपायर और मैदानी अंपायरों के बीच अधिक से अधिक सूचनाओं का संचार होना चाहिए और इसके लिए अगर नियमों में कोई बदलाव होना हो, तो वह उसके भी पक्षधर हैं। जयवर्धने ने यह बयान पिछले हफ्ते दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच हुए आईपीएल मैच में हुए 'नो बॉल विवाद' के संबंध में दिया है, जब मैदानी अंपायर ने दूसरी पारी के अंतिम ओवर में कमर के करीब आई फुलटॉस को नो बॉल नहीं दिया था।

दिल्ली कैपिटल्स कैंप इसके बाद भड़क गया था। कप्तान ऋषभ पंत ने बेंच से अपनी अप्रसन्नता जाहिर की और सहायक कोच प्रवीण आमरे तो अंपायरों से निर्णय पर बात करने के लिए मैदान तक पहुंच गए, लेकिन अंत में मैदानी अंपायरों ने अपना फैसला बरकरार रखा और वे रिव्यू के लिए वीडियो अंपायर के पास नहीं गए। मैच के बाद पंत और आमरे दोनों पर मैच फीस का 100 प्रतिशत जुर्माना लगा, वहीं आमरे पर एक मैच का प्रतिबंध भी लगाया गया। जयवर्दना ने इस पूरे घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण कहा है।

आईसीसी की खेलने की परिस्थतियों के नियम 21.5 के मुताबिक, तीसरा अंपायर गेंदबाज की फ्रंटफुट लैंडिंग को टेलीजिवन रिप्ले में रिव्यू कर सकता है और अगर वह असंतुष्ट है तो वह तुरंत गेंदबाजी एंड के अंपायर को नो बॉल का इशारा करने को कहते हैं। हालांकि, इस नियम में तीसरे अंपायर द्वारा कमर से ऊपर की फुलटॉस के बारे में रिव्यू को लेकर कुछ नहीं कहा गया है। जयवर्धने ने मांग की है कि आईपीएल की इस घटना को एक वेक-अप कॉल के तौर पर लेना चाहिए, जिससे भविष्य में वीडियो अंपायरों का अच्छे से इस्तेमाल हो सके।

जयवर्धने ने आईसीसी रिव्यू कार्यक्रम में कहा, ''यह आगे भी हो सकता है और हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है। क्या कोई ऐसा विकल्प है कि तीसरा अंपायर इन चीजों को देखे और मैदानी अंपायर को सूचित करे कि इस गेंद को चेक किया जाना चाहिए, यह देखकर दुख हो रहा था कि जब आप खेल रोक देते हो और लोग मैदान पर आ जाते हैं। लेकिन दिल से कहूं तो ये सिर्फ भावनाएं थीं जो अंतिम ओवर में पनप रही थीं। कुछ छक्के लग चुके थे और मैच रोमांचक हो गया था। उन्होंने कहा कि निर्णय पर विवाद करने के लिए आमरे का मैदान में उतरना खेल के लिए अच्छा नहीं था।''

जयवर्धने ने आगे कहा, ''हालांकि नियम कहते हैं कि आप इन चीजों को चेक करने के लिए तीसरे अंपायर तक नहीं जा सकते हैं। किसी खिलाड़ी या कोच के लिए मैदान पर आने का विकल्प नहीं होता। हम कोचों के पास आईपीएल में टाइम आउट के दौरान मैदान पर आने का मौका होता है और यही वह समय होना चाहिए जब कोच या कोई और मैदान पर आए।'' जयवर्धने ने कहा कि उन्होंने अपनी मुंबई इंडियंस टीम के साथ इस घटना पर चर्चा की और उन्हें एक मैच के दौरान अपने दायित्वों के बारे में याद दिलाया।

उन्होंने कहा, ''हमने यह सब टेलीविजन पर देखा। ज्यादातर खिलाड़ी एक साथ मैच देख रहे थे और मैच के बाद हमने इस पर चर्चा की। हम भी हो सकता है कि डगआउट में इसी तरह से बर्ताव करते लेकिन मैदान पर जाना कोई विकल्प नहीं है। इस तरह से चीजे नहीं होनी चाहिए और मुझे पूरी उम्मीद है कि पंत और आमरे को भी पछतावा होगा। मुझे लगता है पंत ने जो भी कहा वह भावनाओं में कहा और अब आगे बढ़ जाना चाहिए।''

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com