एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप : संजीत ने भारत को दिलाया दूसरा स्वर्ण

संजीत (91 किग्रा) ने गत चैंपियन अमित पंघल (52 किग्रा) और शिवा थापा ( 64 किग्रा) की हार को भुलाते हुए भारत को एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप में सोमवार को दूसरा स्वर्ण पदक दिलाया।
एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप : संजीत ने भारत को दिलाया दूसरा स्वर्ण
एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप : संजीत ने भारत को दिलाया दूसरा स्वर्णSocial Media

राज एक्सप्रेस। संजीत (91 किग्रा) ने गत चैंपियन अमित पंघल (52 किग्रा) और शिवा थापा ( 64 किग्रा) की हार को भुलाते हुए भारत को एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप में सोमवार को दूसरा स्वर्ण पदक दिला दिया जबकि गत चैंपियन अमित पंघल को रियो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और मौजूदा विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज जोइरोव शाखोबिदीन के खिलाफ कड़ा संघर्ष करने के बावजूद 2-3 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

पंघल की हार के कुछ देर बाद असम के मुक्केबाज थापा, जो लगातार पांच पदक के साथ चैंपियनशिप में संयुक्त रूप से सबसे सफल पुरुष मुक्केबाज रहे हैं, को एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता मंगोलिया के बातरसुख चिनजोरिग के हाथों 64 किग्रा वर्ग में 2-3 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारत का टूर्नामेंट में यह पांचवां रजत पदक था।

बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गयी इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में भारतीय दल ने पहले ही अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए 15 पदक अपने नाम कर लिए थे। भारत ने दो स्वर्ण, पांच रजत और आठ कांस्य पदक जीते, यह इस चैम्पियनशिप में उसका अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन है। बैंकाक में 2019 में भारत ने 13 पदक (2 स्वर्ण, 4 रजत और 7 कांस्य) जीते थे और तालिका में तीसरे स्थान पर रहा था।

भारत ने पंघल की हार के बाद विरोध दर्ज कराया, जूरी ने किया खारिज :

भारत ने पंघल की हार के बाद इस मुकाबले के राउंड दो के फैसले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया लेकिन जूरी कमीशन ने भारत के विरोध को मंजूर नहीं किया और अमित को रजत से संतोष करना पड़ा। बाउट रिव्यू व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ ने 2019 में शुरू की थी। टीम मैनेजर या हारने वाले मुक्केबाज के मुख्य कोच को फैसले के 15 मिनट बाद तक विरोध दर्ज कराने का मौका दिया जाता है। अगले 30 मिनट में उसे कागजी काम पूरा करना होता है। इस व्यवस्था में 5-0 या 4-1 के फैसले रिव्यू के दायरे में नहीं आते हैं। हर टीम को दो रिव्यू दिए जाते हैं। जूरी का फैसला अंतिम और सर्वमान्य होता है।

डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।

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