राज एक्सप्रेस। आईपीएल की शुरुआत 19 सितंबर से होने वाली है, दुनिया में क्रिकेट की सबसे बड़ी लीग आईपीएल को लेकर बीसीसीआई सट्टेबाजी से निजात पाना चाहता है। सट्टेबाजी को लेकर बीसीसीआई ने भ्रष्ट गतिविधियों को रोकने के लिए ब्रिटेन स्थित कंपनी स्पोर्टरडार के साथ करार किया है, जो अपनी धोखाधड़ी जांच प्रणाली एफडीएस (FDS) के जरिए अपनी सेवाएं प्रदान करेगी। आईपीएल इस बार वैश्विक महामारी के चलते खाली स्टेडियमों में खेला जाएगा ऐसे में बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधी इकाई (ACU) की अगुवाई करने वाले अजीत सिंह के लिए बड़ी चुनौती होगी।
सट्टेबाजी रोकने के लिए लिया गया निर्णय
पूर्व में कुछ राज्य स्तरीय सट्टेबाजी के मामले सामने आए थे और अब आईपीएल में भी इसके बढ़ने की संभावना नजर आती है। जिसके मद्देनजर बीसीसीआई का यह फैसला कारगर होगा।
पीटीआई से बातचीत के दौरान बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया कि, हां, बीसीसीआई ने इस साल के आईपीएल के लिए स्पोर्टरडार के साथ करार किया है। वह एसीयू के साथ मिलकर काम करेंगे और अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे।
स्पोर्टरडार ने हाल में गोवा फुटबॉल लीग के आधा दर्जन मैचों को संदेह के घेरे में रखा था। वह (FIFA) विश्व फुटबॉल संस्था, यूएफा (यूरोपीय फुटबॉल की संस्था) और विश्व भर की विभिन्न लीग के साथ काम कर चुके हैं।
बीसीसीआई ने पहले से काफी रोक लगाई है
इससे पहले भी बीसीसीआई ने तमिलनाडु प्रीमियर लीग सहित राज्य स्तरीय T20 लीग के दौरान सट्टेबाजी के अलग तरह के नमूनों का पता लगाया था। जिसके बाद एक अलग तरह से दांव खेलने वाली प्रमुख सट्टा लगाने वाली कंपनी ने दांव लगाना भी बंद कर दिया था।
आपको बता दें स्पोर्टरडार, धोखाधड़ी जांच प्रणाली (FDS) एक विशिष्ट सेवा है, जो खेलों में सट्टेबाजी से संबंधित हेराफेरी का पता लगाती है। यह इसलिए संभव हो पाता है क्योंकि एफडीएस के पास मैच फिक्सिंग के उद्देश्य से लगाए जाने वाली बोलियों को समझने के लिए उपयुक्त प्रणाली मौजूद है।
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