खिलाड़ी के नाम पर पड़े शॉट के जिक्र बिना क्रिकशास्त्र अधूरा

“इन शॉट्स को देखकर न केवल गेंदबाज-दर्शक अचंभित हुए बल्कि आउट करने की अपील की स्थिति में खुद अंपायर भी पशोपेश में पड़ गए कि, इन परिस्थितियों में आखिर क्या निर्णय लिया जाए?”
Player shot
Player shotKavita Singh Rathore -RE

हाइलाइट्स :

  • जिस स्पेशल शॉट पर खुद फील्डर्स थे अचंभित

  • जहीर खान के मन में पैदा कर दिया था बल्लेबाज ने खौफ

  • रफ्तार और परफेक्ट लैंग्थ के लिए मशहूर मैक्ग्रा तक का निकला था पसीना

राज एक्सप्रेस। आपने स्वीप, कवर ड्राइव, लेग ग्लांस जैसे तमाम क्रिकेट शाट्स के बारे में सुना होगा। पिच पर बल्लेबाजों को इन शॉट्स को खेलते देखकर आप रोमांचित भी हुए होंगे। लेकिन एक बल्लेबाज ऐसा भी रहा जिसके स्पेशल शॉट्स के न केवल प्रशंसक बल्कि विपक्षी खिलाड़ी तक ऐसे मुरीद थे कि, इस स्पेशल शॉट का नामकरण ही इस खिलाड़ी के नाम पर कर दिया गया।

बल्लेबाजी की अहमियत :

क्रिकेट खेल एक तौर पर बल्लेबाजी पर टिका है। यदि स्कोरबोर्ड पर रन नहीं तो फिर खेल में भी दम नहीं। लेकिन जब मैच का रिज़ल्ट बराबर गेंद-बराबर रन वाली पोजीशन में हो तब गेंदबाज और बल्लेबाज के बीच कांटे की टक्कर देखने में दर्शकों की दिलचस्पी भी बढ़ जाती है।

स्पेशल शॉट :

खिलाड़ी के नाम पर पड़ने वाले स्पेशल शॉट्स के बारे में बात करें, इसके पहले नज़र डालते हैं, कुछ प्रचलित क्रिकेटिंग शॉट्स और उन शॉट्स के विशेषज्ञ बेट्समैन, बेट्सवुमैन या फिर बैटर के बारे में। दरअसल आजकल महिलाओं के भी क्रिकेट खेलने के कारण ही प्रोफेशनल कॉमेंटेटर्स ने बल्लेबाज, बेट्समैन की जगह बैटर शब्द को बल्ला चलाने वाले खिलाड़ी के लिए उपयोग करना शुरू किया है।

रूढ़ीवादी :

रूढ़ीवादी तकनीक और स्ट्रोकप्ले आपको क्रिकेटिंग बुक में मिलते हैं। बैकलिफ्ट का एक्सपर्ट ब्रायन लारा, वीरेंद्र सहवाग को माना जाता है, जिनके अटैकिंग अंदाज के गेंदबाज भी कायल रहे। डिफेंसिव शॉट यानी फील्डर्स के भारी सुरक्षा पहरे में गेंद को सुरक्षात्मक तरीके से बल्ले से रोकने और पिच पर डटे रहने के मामले में द वॉल के नाम से मशहूर राहुल द्रविण की सानी नहीं है।

फ्लिक एंड पुल :

इसी तरह मौजूदा भारतीय कप्तान विराट कोहली को फ्लिक के मामले में महारत हासिल है। इस शॉट में कलाई के उपयोग के सहारे फुल लैंग्थ डिलेवरी को लेग साइड की ओर खेलकर कोहली काफी रन बटोर चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया के भूतपूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग का पुल शॉट देखने लायक होता था। जरा सी भी शॉर्ट गेंद मिलने पर उन्होंने पुल शॉट खेलने में देर नहीं लगाई।

हैलिकॉप्टर शॉट :

कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी के पहले भारतीय बल्लेबाज कप्तान मोहम्मद अजहरउद्दीन ने 1990 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इस शॉट को आजमाया था। अरविंद डिसिल्वा, केविन पीटरसन, चामरा सिल्वा भी इस शॉट को मारने के फन में माहिर रहे। इन जितने भी शॉट्स की हमने चर्चा की वो शुद्ध क्रिकेटिंग शॉट्स हैं, जिन्हें क्रिकेट के जानकार सिखाते, समझाते और बताते हैं।

अनऑर्थोडॉक्स शॉट :

फटाफट क्रिकेट के आने के बाद अनऑर्थोडॉक्स शॉट्स की रेंज भी बढ़ती जा रही है। जब से बल्लेबाजों को शॉट चयन की स्वतंत्रता मिली है, क्रिकेट की बिरादरी में नए शॉट्स भी देखने को मिले। इन शॉट्स को देखकर न केवल गेंदबाज-दर्शक अचंभित हुए बल्कि आउट करने की अपील की स्थिति में खुद अंपायर भी पशोपेश में पड़ गए कि, इन परिस्थितियों में आखिर क्या निर्णय लिया जाए?

शुरुआत यहां से :

रिवर्स स्वीप शॉट को ही लें जिसके बारे में कहा जाता है 1970 के दशक में ये सामने आया। इस शॉट को पाकिस्तानी बल्लेबाज मुश्ताक मोहम्मद और हनीफ मोहम्मद खेला करते थे, लेकिन बाद में बॉब वूल्मर ने इस शॉट को लोकप्रिय बनाया।

इस शॉट को स्विच हिट के तौर पर केविन पीटरसन ने छक्का जमाकर और मशहूर कर दिया। भारतीय बल्लेबाज यूसुफ पठान, दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स के साथ ही ऑस्ट्रेलियाई ग्लेन मैक्सवेल से भी गेंदबाज तब तक खौफ खाते थे जब तक वो पिच पर मौजूद रहते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि ये धुरंधर रिवर्स स्वीप या स्विच हिट के सहारे कभी भी मैच का पांसा पलटने के लिए मशहूर जो रहे।

पैडल स्कूप :

पैडल स्कूप, रैंप शॉट या फिर मरलियर शॉट तो आपने सुना ही होगा। यही वो शॉट है जिसकी बात हम कर रहे थे। दरअसल इस शॉट को आज के जमाने में कई बल्लेबाज खेलते नज़र आते हैं लेकिन इस शॉट को सबसे पहले डगी मरलियर ने मैदान में इंट्रोड्यूस़ किया था।

क्या है मरलियर शॉट :

इस शॉट को ऑफ साइड शॉर्ट पिच सीधी गेंदों को हमलावर तरीके से फुलटॉस बनाकर या गेंद की उछाल का लाभ लेकर स्टंप्स के पीछे विकेटकीपर के ऊपर या लेग की दिशा में धकेल दिया जाता है। मौजूदा दौर के बल्लेबाज इस शॉट को खेलने के लिए अपने पैरों को मोड़ते हैं जबकि मरलियर खड़े-खड़े तेज गेंदों को स्टंप के पीछे बाउंड्री पहुंचा देते थे।

मतलब रन पक्का :

दरअसल जिम्बॉबे के डगलस मरलियर को गैर परंपरागत बल्लेबाजी के लिए प्रसिद्धि मिली। इस बल्लेबाज का प्रदर्शन देखने न केवल समर्थक बल्कि विरोधी टीम के प्रशंसक भी टकटकी लगाए रहते थे। डगी मरलियर के इस खास शॉट पर रन आना तय था। चाहे गेंदबाज जहीर खान हो या फिर ऑस्ट्रेलियन वर्ल्ड क्लास पेस बॉलर ग्लैन मेक्ग्रा।

ऐसे हुआ नामकरण :

दरअसल स्टीव वॉ की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के 300 से ज्यादा स्कोर को लांघने उतरी जिम्बॉबे की टीम को एक समय अंतिम ओवर में 15 रनों की दरकार थी। ऐसे में सातवें क्रम पर उतरे मरलियर ने अपने इस स्पेशल शॉट्स के सहारे सितारा गेंदबाज मैक्ग्रा का पसीना निकालकर रख दिया।

ओवर में जब उन्होंने पानी की तरह दो बाउंड्रीज़ जमाईं तो दर्शक भी दांतों तले अंगुली दबाए मैच देखते नज़र आए। हालांकि मरलियर साथी बल्लेबाज का सहयोग न मिलने से जिम्बॉबे को मैच भले ही जिता नहीं पाए लेकिन इसके बाद उनके स्ट्रोक क्रिकेट हिस्ट्री में उनके नाम पर मरलियर शॉट के नाम से मशहूर भी हो गए।

आपको बता दें मरलियर को 10वें बल्लेबाज के तौर पर फिफ्टी जमाने का भी श्रेय हासिल है। भारत के खिलाफ 2002 में उन्होंने ये कारनामा किया था। बाद में श्रीलंकाई बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान ने मरलियर के शॉट को और परिमार्जित किया जिसमें स्टंप के सामने बैठकर बल्ले से गेंद को विकेटकीपर के ऊपर से उछालकर बाउंड्री की ओर खेलने के चलन ने जोर पकड़ा। दिलशान के नाम पर इस शॉट को दिलस्कूप नाम दिया गया।

ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.co