बढ़िया प्रदर्शन के बावजूद ऑस्ट्रेलिया को खल सकती है एक प्रमुख आलराउंडर की कमी

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई हरफनमौला शेन वॉटसन पांचवें गेंदबाज के साथ-साथ एक आतिशी बल्लेबाज की भूमिका निभाते थे, लेकिन 2016 में उनके संन्यास लेने के पांच सालों के बाद भी यह कमी नहीं पूरी की जा सकी है।
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दुबई। विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दक्षिण अफ़्रीका के पहले मैच में अफ़्रीकी टीम के चार विकेट, 10 ओवर के भीतर ही गिर गए थे। उस वक़्त क्रीज पर डेविड मिलर थे, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पांचवें गेंदबाज ग्लेन मैक्सवेल को निशाना बनाया और उन पर आगे बढ़कर मिडविकेट पर छक्का लगा दिया। श्रीलंका के खिलाफ भी मैच में लंकाई बल्लेबाजों खासकर चरिथ असलंका ने ऑस्ट्रेलिया के पांचवें गेंदबाजी विकल्प मैक्सवेल और स्टॉयनिस को निशाना बनाया और उनके चार ओवरों में 51 रन बटोरे। कुल मिलाकर कहा जाए तो भले ही ऑस्ट्रेलिया ने इस टूर्नामेंट में अब तक बेहतरीन प्रदर्शन किया है लेकिन उनका टीम संतुलन अभी भी सवालों के दायरे में है। उन्हें पांचवें गेंदबाज की कमी महसूस हो रही है, जो कि नॉकआउट जैसे महत्वपूर्ण मुक़ाबले में उन पर भारी पड़ सकती है।

इस विश्व कप में कॉमेंट्री कर रहे पूर्व ऑस्ट्रेलियाई हरफनमौला शेन वॉटसन पांचवें गेंदबाज के साथ-साथ एक आतिशी बल्लेबाज की भूमिका निभाते थे, लेकिन 2016 में उनके संन्यास लेने के पांच सालों के बाद भी यह कमी नहीं पूरी की जा सकी है। जस्टिन लैंगर के कोचिंग कार्यकाल में ऑस्ट्रेलियाई टीम पांच विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ खेलने लगी। एश्टन एगर वह पांचवें गेंदबाज थे, जो सातवें नंबर पर आकर ठीक-ठाक बल्लेबाजी भी कर लेते थे। लेकिन विश्व कप में इस संतुलन को खत्म कर ऑस्ट्रेलिया ने पांच में से चार मैचों में एगर को बाहर रखा और पांचवें गेंदबाज के कोटे को मैक्सवेल, स्टॉयनिस और मिचेल मार्श से पूरा करवाया। इन तीनों को वैसे हरफनमौला बोला जाता है, लेकिन किसी का भी सामर्थ्य वॉटसन की बराबरी पर नहीं है।

वॉटसन ने औसतन हर टी20 अंतर्राष्ट्रीय में कम से कम 17.3 गेंदें खेली हैं तो 16.0 गेंदें (लगभग तीन ओवर) फेंकी भी हैं। जबकि मैक्सवेल के लिए यह आंकड़ा (15.0/9.0), मार्श के लिए (18.7/6.7) और स्टॉयनिस के लिए (9.3/8.2) हो जाता है। मतलब इन तीनों में से किसी ने भी नहीं हर मैच में औसतन डेढ़ ओवर से अधिक गेंदबाजी की है।

पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले के पहले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान आरोन फिंच ने कहा, यह एक कठिन टीम संतुलन है। मैक्सवेल, मार्श और स्टॉयनिस के रूप में हमारे पास तीन हरफनमौला हैं, जिनसे चार ओवर निकलवाना हमारे लिए लाभप्रद ही है। मैक्सवेल पावरप्ले में अच्छी गेंदबाजी करते हैं और बीच के ओवरों में भी मैच-अप आने पर उनसे गेंदबाजी करवाई जा सकती है। यह हमें चार प्रमुख गेंदबाजों और आलराउंडर्स के साथ खेलने का विकल्प देता है।

फिंच ने आगे कहा कि निश्चित रूप से यह कठिन निर्णय था, लेकिन यह टीम चयन में लचीलापन देता है। हालांकि फिंच ने यह भी संकेत दिए कि पाकिस्तानी बल्लेबाजी क्रम में पांच दाएं हाथ के बल्लेबाजों की मौजूदगी के कारण बाएं हाथ के स्पिनर एगर को टीम में फिर से मौक़ा दिया जा सकता है।

अगर टीम एक अतिरिक्त बल्लेबाज को खिलाती है तो उनके पांचवें गेंदबाज पर आक्रमण हो सकता है, वहीं अगर टीम पांच गेंदबाजों के साथ जाती है तो जल्द विकेट गिरने पर उनके लिए बड़ा स्कोर खड़ा करना मुश्किल हो जाएगा, जैसा इंग्लैंड के खिलाफ हुआ था और टीम 125 रन ही निर्धारित 20 ओवरों में बना सकी थी। इस मैच का नतीजा कुछ भी हो, लेकिन इतना तो तय है कि ऑस्ट्रेलिया शेन वॉटसन जैसे विशेषज्ञ आलराउंडर को अब भी ढूंढ रही है।

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