जयपुर। भारत के नए मुख्य कोच राहुल द्रविड़ अपने साथ एक ऐसी संस्कृति लेकर आएंगे जिसमें खिलाड़ी टीम को अपने से ऊपर रखते हैं। यह भारत के नए टी20 अंतर्राष्ट्रीय उप-कप्तान लोकेश राहुल का विचार है, जो उसी राज्य की टीम कर्नाटक के लिए खेलते हैं, जिसका द्रविड़ ने प्रतिनिधित्व किया था, और उन्हें तब से जानते हैं जब से वह विभिन्न आयु वर्ग के क्रिकेट में खेल रहे थे।
राहुल ने जयपुर में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत के पहले टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच से पहले एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैं बहुत भाग्यशाली रहा हूं कि मैं उन्हें बहुत लंबे समय से जानता हूं। जाहिर तौर पर एक युवा खिलाड़ी के रूप में मैंने उनके दिमाग़ पढ़ने की कोशिश की जिसके बाद मैंने खेल को बेहतर ढंग से समझा और उनसे बात करने के बाद बल्लेबाजी की कला को बेहतर ढंग से समझा। वह बहुत दयालु हैं और वह हम सभी के लिए मददगार रहे हैं।
उन्होंने कहा, जाहिर है कि जब से उन्होंने खेलना बंद किया है, वह कोचिंग में अलग-अलग टीमों से जुड़े और देशभर के लड़कों की मदद कर रहे हैं, इसलिए इस सेट-अप के साथ उनका हमसे जुड़ना, हमारे लिए उनसे सीखने का अवसर है। हम सभी जानते हैं कि द्रविड़ का भारतीय क्रिकेट में कितना बड़ा नाम है और उन्होंने हमारे देश के लिए किस तरह की चीजें की हैं, इसलिए यह हम सभी के लिए उनसे सीखने और क्रिकेटरों के रूप में बेहतर होने का एक शानदार अवसर होगा।
राहुल ने कहा, जब कोचिंग की बात आती है, तो मैंने द्रविड़ के अंडर भारत ए सेट-अप में कुछ मैच खेले हैं और हमने यहां आने से ठीक पहले एक छोटी सी बातचीत की है। वह ऐसे हैं जो टीम कल्चर बनाना पसंद करते हैं और ऐसा माहौल जहां पर लोग क्रिकेटरों के रूप में बेहतर होने की कोशिश कर रहे हों। जब वह खेल रहे थे तो वह हमेशा एक टीम मैन रहे है और वह इस तरह की संस्कृति को यहां भी लाना चाहते हैं, जहां हर कोई टीम को व्यक्तिगत लक्ष्यों से आगे रखता है।
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