कॉमनवेल्थ गेम्स में कैसा रहा भारत का अब तक का सफ़र
कॉमनवेल्थ गेम्स में कैसा रहा भारत का अब तक का सफ़रSyed Dabeer Hussain - RE

कॉमनवेल्थ गेम्स में कैसा रहा भारत का अब तक का सफ़र? जानिए हर मेडल के बारे में

बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। आज हम आपको भारत के कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत से लेकर अब तक के खेल से अवगत करवाने वाले हैं।

राज एक्सप्रेस। इंग्लैंड के बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 की शुरुआत 28 जुलाई 2022 को हुई थी। इसके आगाज के साथ ही हर जगह लोगों में जोश की एक लहर भी देखने को मिलना शुरू हो गई है। कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन की बात करें तो जब कभी ब्रिटिश धरती पर कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन हुआ है। तब यही देखने को मिला है कि भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। आज हम आपको कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के अब तक के प्रदर्शन के बारे में बता रहे हैं।

कब हुई थी कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत?

कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत ब्रिटेन के द्वारा की गई थी । इन गेम्स में दुनिया भर के 53 देशों की भागीदारी है। ये सभी देश एक समय में ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था का हिस्सा भी रहे हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन विश्व शांति को बढ़ाने के साथ सभी देशों के बीच संबंधों को सुधारना है। हर चार साल में इन गेम्स का आयोजन किया जाता है।

कॉमनवेल्थ गेम्स में कैसा रहा भारत का प्रदर्शन?

पहला कॉमनवेल्थ गेम्स साल 1930 कनाडा में :

पहले कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन साल 1930 में कनाडा में हुआ था। इस दौरान कुल 11 देशों के 400 एथलीट्स ने अपने खेल का प्रदर्शन किया था।

दूसरा कॉमनवेल्थ गेम्स 1934 इंग्लैंड में :

दूसरे कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन 1934 में इंग्लैंड में हुआ और इस बार 16 देशों ने भाग लिया। पहली बार इसी साल भारत भी इन गेम्स का हिस्सा बना था। इस दौरान भारत को कुश्ती में केवल एक कांस्य पद मिला। जो राशिद अनवर के कारण भारत की झोली में आया था।

तीसरा कॉमनवेल्थ गेम्स 1938 ऑस्ट्रेलिया में :

साल 1938 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को एक भी मेडल नहीं मिला।

इसके अगले 8 सालों तक विश्वयुद्ध के चलते कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन नहीं हो सका।

चौथा कॉमनवेल्थ गेम्स 1950 न्यूजीलैंड में :

हालाँकि साल 1950 के दौरान जब कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन न्यूजीलैंड के ऑक्लैंड में हुआ, तो लोगों में पहले से भी ज्यादा जोश देखने को मिला। लेकिन इस बार भी भारत इन गेम्स का हिस्सा नहीं बन सका।

पांचवा कॉमनवेल्थ गेम्स 1954 कनाडा में :

कॉमनवेल्थ गेम्स 1954 का आयोजन कनाडा में किया गया और पहली बार ये गेम्स टीवी के जरिए टेलिकास्ट हुए। लेकिन अफ़सोस की बात है कि भारत के हाथ इस साल भी निराशा ही हाथ लगी।

छठां कॉमनवेल्थ गेम्स 1958 वेल्स में :

भारत को अपना पहला गोल्ड मेडल साल 1958 के कॉमनवेल्थ गेम्स में मिला। मिल्खा सिंह ने 440 गज़ की दौड़ में रिकॉर्ड बनाया और कुश्ती में लीला राम ने गोल्ड मेडल जीता।

सातवां कॉमनवेल्थ गेम्स 1962 ऑस्ट्रेलिया में :

साल 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध के कारण देश इस बार भी कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा नहीं बन पाया।

आठवां कॉमनवेल्थ गेम्स 1966 जमैका में :

कॉमनवेल्थ गेम्स 1966 में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन अच्छा रहा और भारत की झोली में 3 स्वर्ण, 4 रजत और 3 कांस्य पदक आए।

नौवां कॉमनवेल्थ गेम्स 1970 स्कॉटलैंड में :

साल 1970 में कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान भारत को 12 पदक मिले। इनमें से 5 स्वर्ण पदक थे।

दसवां कॉमनवेल्थ गेम्स 1974 न्यूजीलैंड में :

फिर कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन 1974 में हुआ। जहां भारत का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा और कुल 15 पदक भारत की झोली में आए। जिनमें 4 गोल्ड मेडल भी शामिल हैं।

ग्यारहवां कॉमनवेल्थ गेम्स 1978 कनाडा में :

कॉमनवेल्थ गेम्स 1978 में भारत के खाते में 5 स्वर्ण पदक आए। इनके सहित भारत ने कुल 15 पदक अपने नाम किए।

बारहवां कॉमनवेल्थ गेम्स 1982 ऑस्ट्रेलिया में :

1982 में हुए 12वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने 16 पदक अपने नाम किए। जिनमें 5 स्वर्ण और 8 रजत पदक जीते। यह पहला मौका था जब भारत कॉमनवेल्थ गेम्स में 6वें स्थान पर रहा।

तेरहवां कॉमनवेल्थ गेम्स 1986 स्कॉटलैंड में :

इसके बाद हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 1986 में भारत कुछ कारणों के चलते हिस्सा नहीं बन पाया।

चौदहवां कॉमनवेल्थ गेम्स 1990 न्यूजीलैंड में :

कॉमनवेल्थ गेम्स 1990 के दौरान भारत का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा और देश को 32 मेडल मिले। इन मेडल में 13 गोल्ड, 8 सिल्वर और 11 कांस्य पदक हैं।

पंद्रहवां कॉमनवेल्थ गेम्स 1994 कनाडा में :

वहीं साल 1994 में कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन कनाडा के विक्टोरिया शहर में किया गया। इस दौरान भारत को 6 गोल्ड, 11 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज के साथ कुल 24 मेडल हासिल हुए।

सोलहवां कॉमनवेल्थ गेम्स 1998 मलेशिया में :

कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन 1998 में मलेशिया की राजधानी क्वालालंपुर में किया गया। इस दौरान भारत को कुल 25 पदक मिले। इनमें 7 गोल्ड मेडल भी शामिल हैं।

सत्रहवां कॉमनवेल्थ गेम्स 2002 इंग्लैंड में :

इसके बाद कॉमनवेल्थ गेम्स 2002 के दौरान भारत की झोली में कुल 30 स्वर्ण पदक आए। इसके साथ ही भारत चौथे स्थान पर रहा और कुल पदकों की संख्या 69 रही।

अठारहवां कॉमनवेल्थ गेम्स 2006 ऑस्ट्रेलिया में :

कॉमनवेल्थ गेम्स का 18वां संस्करण 2006 में आयोजित किया गया। यहाँ भारत को 22 स्वर्ण के सहित 49 पदक जीतने का सौभाग्य मिला।

उन्नीसवां कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 भारत में :

साल 2010 में दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को 101 पदक मिले। पदक के मामले में यह भारत का पहला शतक था। इस बार भारत को 38 गोल्ड, 27 सिल्वर और 36 ब्रॉन्ज मेडल मिले।

बीसवां कॉमनवेल्थ गेम्स 2014 स्कॉटलैंड में :

इसके बाद साल 2014 में कॉमनवेल्थ गेम्स को ग्लासगो, स्कॉटलैंड में आयोजित किया गया। यहाँ भारत को 64 पदक मिले। इनमें भारत के 15 गोल्ड मेडल शामिल हैं।

इक्कीसवां कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 ऑस्ट्रेलिया में :

साल 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की झोली में कुल 66 पदक आए और इसके साथ ही भारत तीसरे स्थान पर रहा। इस दौरान मेडल का आंकड़ा 26 गोल्ड, 20 सिल्वर और 20 ब्रॉन्ज का रहा था।

बाईसवां कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 इंग्लैंड में :

वर्तमान में बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत ने पदकों का अर्ध शतक लगाते हुए अब तक 56 पदक जीते हैं, जिनमें 19 गोल्ड, 15 रजत और 22 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं और इस मेडल के साथ ही भारत पदक की टेली लिस्ट में चौथे स्थान पर आ गया है।

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