डार्लिंग के बाद मोमिनुल से पहले इतने कप्तान हुए बदनाम

“मैच की पहली और दूसरी पारियों में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान डार्लिंग को इंग्लैंड के ब्रंड और बार्न्स कुछ ज्यादा ही रास आ गए।”
डार्लिंग के बाद मोमिनुल से पहले इतने कप्तान हुए बदनाम
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हाइलाइट्स :

  • नामी कप्तानों की लिस्ट में बांग्लादेशी कप्तान, फिर भी फैंस शर्मिंदा!

  • भारत के खिलाफ ऐसा करने वाले एकमात्र कप्तान के नाम पर मोमिनुल का हक!

  • ऑस्ट्रेलिया के कप्तान डार्लिंग से शुरू हुई टेस्ट क्रिकेट में इस बैड रिकॉर्ड की परंपरा!

राज एक्सप्रेस। कोलकाता में भारत का पहला ऐतिहासिक पिंक बॉल डे-नाइट क्रिकेट टेस्ट मैच सुखद इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स के बजाए बांग्लादेश के कप्तान मोमिनुल हक के दुर्भाग्य के लिए ज्यादा याद रखा जाएगा। भारत-बांग्लादेश के बीच जारी टेस्ट सीरीज़ के दूसरे हिस्टोरिक मैच में बांग्लादेशी कप्तान का प्रदर्शन न चाहकर भी ऐसा करने वाले दूसरे नामचीन दिग्गज कप्तानों की सूची में शुमार हो गया।

न चाहते हुए भी?-

वो इसलिए क्योंकि कप्तान होकर कोई भला दोनों पारियों में महा-अंक शून्य पर आउट होना क्यों चाहेगा? लेकिन न चाहकर भी बांग्लादेश के कप्तान मोमिनुल हक भारत के खिलाफ पिंक बॉल वाले टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शून्य के निजी स्कोर पर आउट होकर चलते बने। अब गुलाबी गेंद के साथ अपने कप्तान के इस कभी याद न रखे जा सकने वाले प्रदर्शन पर बांग्लादेशवासी लाल-पीले हो रहे हैं।

ऐसा करने वाले 24 वें कप्तान-

टेस्ट क्रिकेट की दोनों पारियों में कुल जमा शून्य रन बनाकर आउट होने वाले कप्तानों की फेहरिस्त में बांग्लादेशी कप्तान का नाम 24वें नंबर पर क्रिकेट इतिहास में दर्ज हो गया है। बांग्लादेशी कप्तान पहली पारी में 7 गेंदों का सामना करने के बाद उमेश यादव की गेंद पर शर्मा को जीरो रन के व्यक्तिगत स्कोर पर कैच दे बैठे। जबकि दूसरी दफा 6 गेंदों की पारी में ईशांत शर्मा की गेंद पर विकेट कीपर ऋद्धिमान शाहा के हाथों कैच आउट हुए।

कौन था पहला कप्तान?-

इस रिकॉर्ड का पहला बदनुमा कलंक साल 1902 के दौरान ऑस्ट्रेलिया के इंग्लैंड टूर के दौरान तीसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान जे डार्लिंग (J Darling) पर लगा। इस मैच की पहली और दूसरी पारियों में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान डार्लिंग को इंग्लैंड के ब्रंड (Braund) और बार्न्स (Barnes) कुछ ज्यादा ही रास आ गए।

दरअसल दोनों पारियों में डार्लिंग को बार्न्स ने ब्रंड के हाथों भरे मैदान में कैच आउट करा कर रुसवा करा दिया। दोनों पारियों में डार्लिंग इंग्लैंड के गेंदबाज बार्न्स की गेंद पर ब्रंड के हाथों कैच आउट हुए।

सबसे ज्यादा गेंद पर जीरो-

इस मामले में इंग्लिश टीम के कप्तान नासिर हुसैन का नाम सबसे पहले लिया जा सकता है। दरअसल हुसैन ने साल 2000 में विंडीज़ के खिलाफ ओवल में फर्स्ट इनिंग में एक मिनट की 2 गेंदों की पारी में शून्य जबकि दूसरी पारी में 25 मिनट के दौरान 15 गेंदों का सामना किया लेकिन विंडीज़ के पैस बैटरी अटैक के सामने खाता नहीं खोल पाए। मतलब दोनों पारियों में ज़ीरो पर आउट हुए।

इन देशों के इतने कप्तान-

देशों के लिहाज से कप्तानों का दोनों पारियों में शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड भी काफी रोचक है। इनमें ऐसे बड़े नाम शामिल हैं, जिन पर सहज विश्वास नहीं हो सकता।

ऑस्ट्रेलिया-

ऑस्ट्रेलियाई कप्तानों को दोनों पारियों में ज़ीरो पर आउट होने की प्रीत साल 1902 में कप्तान डार्लिंग ने लगाई थी। इस प्रीत से बाद के सालों में रिची बेनो (1961), एलन बॉर्डर (1993) और फिर 1994 में मार्क टैलर जैसे दिग्गज और धाकड़ कप्तान भी बच नहीं पाए। और दोनों पारियों में ज़ीरो पर आउट होने वाले ऑस्ट्रेलियन कप्तान के तौर पर जाने गए। कंगारुओं की ओर से अब तक 4 बार कप्तान दोनों पारियों में शून्य पर आउट हुए।

बांग्लादेश-

बांग्लादेशी टीम की ओर से अब तक 2 बार कप्तान दोनों पारियों में शून्य पर आउट हुए। भारत के खिलाफ गुलाबी बॉल क्रिकेट टेस्ट मैच में इस रेड मार्क रिकॉर्ड में आने वाले मोमिनुल हक के पहले, हबीबुल बशर साल 2004 में जिम्बॉवे के खिलाफ दोनों पारियों में ज़ीरो पर आउट हो चुके हैं।

दक्षिण अफ्रीका-

दफ्रीका की ओर से अब तक 3 बार कप्तान दोनों पारियों में शून्य पर आउट हुए। इसमें पिछले साल 2018 में फाफ डू प्लेसिस, एबीडीविलियर्स (2016) और एलजे टैनक्रॉड (1912) का नाम शामिल है।

वेस्ट इंडीज़-

विंडीज़ की ओर से अब तक 4 बार कप्तान दोनों पारियों में शून्य पर आउट हुए। डी सैम्मी (2013), जे एडम्स (2000), कोर्टनी वॉल्श (1997) और फ्रैंक वॉरेल 1960 में बतौर कप्तान दोनों पारियों में ज़ीरो पर आउट होने वाले कप्तानों की सूची में दर्ज हुए थे।

श्रीलंका-

टीम श्रीलंका की ओर से अब तक 1 बार कप्तान दोनों पारियों में शून्य पर आउट हुआ जिनको टिकाऊ बल्लेबाज कप्तान के रूप में जाना जाता है। श्रीलंकाई कप्तान के तौर पर ये रिकॉर्ड मर्वन अट्टापट्टू के नाम दर्ज है।

पाकिस्तान-

टीम पाकिस्तान की ओर से अब तक 4 बार कप्तान दोनों पारियों में शून्य पर आउट हुए। इनमें सरफराज़ अहमद पिछले साल 2018, वकार यूनिस (2002), रशीद लतीफ (1998), इम्तियाज़ अहमद (1962) में दोनों पारियों में शून्य से आगे अपने स्कोर को नहीं बढ़ा सके।

इंग्लैंड-

टीम इंग्लैंड की ओर से अब तक 2 बार कप्तान दोनों पारियों में शून्य पर आउट हुए। दिग्गज ऑल राउंडर कप्तान इयान बॉथम साल 1981 जबकि कप्तान नासिर हुसैन साल 2000 में दोनों पारियों में ज़ीरो पर ही ढेर हो गए।

भारत-

इंडिया की ओर से अब तक 2 बार कप्तान दोनों पारियों में शून्य पर आउट हुए। कप्तान विजय हजारे और बिशन सिंह बेदी का नाम इस रिकॉर्ड में दर्ज है।

न्यूज़ीलैंड-

कीवीज़ की ओर से अब तक 2 बार कप्तान दोनों पारियों में शून्य पर आउट हुए। कप्तान एस. फ्लेमिंग और एचबी कैव के नाम यह रिकॉर्ड क्रिकेट हिस्ट्री में दर्ज हुआ।

भारत के साथ बांग्लादेश के गुलाबी गेंद वाले टेस्ट मैच को लेकर क्रिकेट फैंस को रोचक मुकाबले का इंतजार था, लेकिन बांग्लादेशी टीम ने बैट और गेंद दोनों से नौसिखिया अंदाज में प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन की प्रेरणा टीम को कप्तान मोमिनुल हक से मिली कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि बतौर कप्तान खुद हक का नाम दोनों पारियों में ज़ीरो पर आउट होने वाले कप्तानों की सूची में जो शामिल हो गया।

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