अब मुझे असफलता का कोई डर नहीं है : कुलदीप यादव
अब मुझे असफलता का कोई डर नहीं है : कुलदीप यादवSocial Media

अब मुझे असफलता का कोई डर नहीं है : कुलदीप यादव

एक सीजन के भीतर इस तरह की धमाकेदार वापसी करने वाले कुलदीप का मानना है कि अब वह मानसिक तौर पर एक मजबूत गेंदबाज बन चुके हैं।

मुम्बई। पिछले सीजन में केवल बेंच गर्म करने वाले कुलदीप यादव एक नई टीम में जाकर अलग ही गेंदबाज नजर आ रहे हैं। आठ मैचों में 17 विकेट लेकर वह पर्पल कैप की सूची में दूसरे स्थान पर हैं। एक सीजन के भीतर इस तरह की धमाकेदार वापसी करने वाले कुलदीप का मानना है कि अब वह मानसिक तौर पर एक मजबूत गेंदबाज बन चुके हैं।

गुरुवार को कोलकाता नाइट राइडर्स के विरुद्ध मैच के बाद कुलदीप ने ब्रॉडकास्टर स्टार स्पोर्ट्स से कहा, "(पहले की तुलना में) मैं शायद एक बेहतर गेंदबाज बन गया हूं। हालांकि एक बात तय है कि मैं मानसिक तौर पर काफ़ी मजबूत हो गया हूं। जिंदगी में असफलता का सामना करने पर आप गलतियों से सीखते हो। मैंने इस पर काम किया हैं और अब मुझे असफलता का कोई डर नहीं है।"

कोलकाता के विरुद्ध तीन ओवर डालकर कुलदीप ने चार विकेट अपने नाम किए। सबसे पहले उन्होंने अपना डेब्यू कर रहे बाबा इंद्रजीत को अपने स्पेल की दूसरी ही गेंद पर लॉन्ग ऑन के हाथों कैच करवाया। अगली ही गेंद पर उन्होंने फिरकी के जादूगर सुनील नारायण को अपनी गुगली के जाल में फंसाकर विकेटों के सामने पाया। भले ही वह हैट्रिक नहीं ले पाए लेकिन अपने तीसरे ओवर की पहली गेंद पर उन्होंने सेट बल्लेबाज श्रेयस अय्यर को चलता किया और ओवर की चौथी गेंद पर खतरनाक आंद्रे रसेल को बाहर का रास्ता दिखाया। यकीन ही नहीं होता कि कुलदीप ने यह बड़े शिकार केवल तीन ओवरों में किए।

अपनी सबसे पसंदीदा विकेट के बारे में पूछे जाने पर कुलदीप का कहना था, "मुझे रसेल की विकेट काफी पसंद आई। मैंने कोण में बदलाव करते हुए उन्हें सेट किया। एक बार मैं राउंड द विकेट गया, तो दूसरी बार ओवर द विकेट गया। वह मेरा प्लान था और दो डॉट गेंदों के बाद मुझे पता था कि वह क़दमों का इस्तेमाल करेंगे।"

हाल के कुछ वर्षों में चोट और खराब फॉर्म से जूझ रहे कुलदीप के अनुसार यह उनके आईपीएल करियर का सबसे अच्छा सीजन है। उन्होंने बताया कि वह अपनी गेंदबाजी का आनंद ले रहे हैं।पर्पल कैप की दौड़ में अब कुलदीप अपने मित्र और स्पिन जोड़ीदार युजवेंद्र चहल से केवल एक विकेट पीछे हैं। प्रतिद्वंद्विता अच्छी-अच्छी दोस्तियों को बिगाड़ सकती है लेकिन कुल-चा की जोड़ी के बीच कोई प्रतियोगिता नहीं है।

अपने मित्र चहल के बारे में बताते हुए कुलदीप ने कहा, "मेरे और चहल के बीच में कोई प्रतियोगिता नहीं है। वह मेरे बड़े भाई जैसा है और उसने मुझे प्रोत्साहन दिया है। जब मैं चोटिल था तब भी वह मुझसे लगातार बातचीत करता था। मैं दिल से चाहता हूं कि वह (चहल) पर्पल कैप जीते क्योंकि पिछले चार सालों में उसने बढिय़ा गेंदबाजी की हैं।"

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