भारत की एकदिवसीय टीम अपने सबसे बुरे दौर में?
भारत की एकदिवसीय टीम अपने सबसे बुरे दौर में?Social Media

क्या विश्व कप 2019 के बाद भारत की एकदिवसीय टीम अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है?

क्या भारतीय क्रिकेट टीम का एकदिवसीय दल का ये सबसे बुरा दौर है? आंकड़े और कुछ परिस्थितियों की वजह से हुए हादसे कुछ ऐसा ही बयां कर रहे हैं।

राज एक्सप्रेस। हम सबको वो पल याद है जब महेंद्र सिंह धोनी रन आउट हुए थे, मार्टिन गुप्टिल का थ्रो डीप फाइन लेग से आकर सीधा स्टंप्स में लगता है और सारे भारतीयों के सपने फिर टूट जाते हैं। यह लम्हा था एकदिवसीय विश्व कप 2019 में खेले गए भारत और न्यूजीलैंड के बीच 9 जुलाई 2019 के सेमी फाइनल का जब भारत न्यूजीलैंड से हार कर विश्व कप से बाहर हो गया था। हमने धोनी को आउट होने के बाद रोते हुए देखा था और अन्य भारतीय खिलाड़ियों को भी लेकिन लगता है 2019 के सेमी फाइनल के बाद भारतीय एकदिवसीय टीम का बुरा दौर चालू हो गया है। इसी हफ्ते बुधवार को बांग्लादेश से भारतीय क्रिकेट टीम बांग्लादेश में दूसरा एकदिवसीय भी हार के 2–0 से श्रंखला गंवा चुकी है। क्या भारतीय क्रिकेट टीम के एकदिवसीय दल का ये सबसे बुरा दौर है? आंकड़े और कुछ परिस्थितियों की वजह से हुए हादसे ऐसा ही बयां कर रहे हैं।

2019 से लेकर दिसंबर 2022 तक एकदिवसीय क्रिकेट में अब तक 4 कप्तानों ने भारतीय दल की कप्तानी करी है। विराट कोहली, रोहित शर्मा, केएल राहुल और शिखर धवन 3 साल में खेले गए 15 एकदिवसीय सीरीज में कप्तानी कर चुके हैं l जिसमे से शिखर धवन ने 3 सीरीज में, विराट ने 2 सीरीज, केएल राहुल ने 2 और बाकी बचे 7 श्रृंखलाओं में रोहित शर्मा ने कप्तानी करी है। लेकिन भारतीय क्रिकेट प्रेमी एवं फैंस बार बार कैप्टन बनाए जाने की प्रक्रिया से खुश नहीं है,क्योंकि विराट कोहली विश्व कप 2019 के बाद भी भारत के तीनों फॉर्मेट के कैप्टन थे लेकिन बहुत सी खबरों के अनुसार विराट कोहली और पूर्व बीसीसीआई(BCCI) अध्यक्ष सौरव गांगुली में झगड़े थे जिसके कारण 2021 के 20 ओवर विश्व कप में पहले ही चरण में बाहर होने के बाद कोहली को सिर्फ फोन कॉल के माध्यम से कप्तानी से हटा दिया गया था लेकिन वह एकदिवसीय और टेस्ट में कैप्टन बने हुए थे पर बीसीसीआई से विराट कोहली के झगड़े रुकने का नाम नहीं ले रहे थे और उन्हे कुछ महीनो बाद ही एकदिवसीय क्रिकेट से भी कैप्टन के पद से हटा दिया गया। इन सब झगड़ो का असर भारतीय टीम के खेल पर भी हुआ जिसमे हमने भारत में हुई एकदिवसीय श्रृंखलाएं तो जीत ली लेकिन भारत से बाहर खेली गई श्रृंखलाओं में भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।

विश्व कप 2019 के बाद भारतीय टीम ने 15 एकदिवसीय श्रृंखलाएं खेली थी, जिसमे से 5 श्रृंखलाएं अहम SENA (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) देशों में हुई थी जिसको काफी अहम माना जाता है क्योंकि ये 4 देश स्टार देश है भारत के साथ क्रिकेट खेलने वाले, हमें SENA में खेली गईं 5 सीरीज में से बस एक में जीत मिली और कल हम बांग्लादेश जिसको क्रिकेट में छोटा माना जाता है उनके घर जाकर भारत की मज़बूत बैटिंग के बाद भी 7 साल में दूसरी बार श्रृंखला हार गए हैं l भारत ने कुल 15 एकदिवसीय मुकाबले खेले है जिसमे 44 मैच खेले गए थे। भारत ने 44 में से 24 में जीत अर्जित करी है तो वही 18 में हार मिली है। 2 मैच बारिश के चलते इसी साल न्यूजीलैंड में रद्द कर दिए गए थें। भारतीय टीम का जीत प्रतिशत सिर्फ 57.14 रहा है जिसमे से ज्यादा मची हमने या तो भारत में ही जीते है या फिर श्रीलंका,जिम्बाब्वे और वेस्ट इंडीज जैसी छोटी टीमों से।

भारत का एकदिवसीय में प्रदर्शन काफी खराब रहा हैं ऐसे में क्या अगले साल 2023 में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप में भारत का जीत मिलेंगी? शायद इसका जवाब इतना भी आसान नहीं हैं क्योंकि भारत ने पिछले एक साल में ज्यादा एकदिवसीय मैच नही खेले हैं और न ही भारत के खिलाड़ी तैयार दिख रहे है है। टीम में हाल ही में कई सारे खिलाड़ियों की चोट के कारण खेल से दूर होने की खबर आई है। जसप्रीत बुमराह ,रविन्द्र जडेजा जैसे कुछ अहम खिलाड़ी टीम से जुड़ ही नहीं सकते है क्योंकि उनकी चोट लगी हैं। भारतीय समर्थक रोज भारतीय टीम को सोशल मीडिया में ट्रोल करते हैं क्योंकि भारतीय टीम के खेले में तेजी से गिरावट आई हैं फील्डिंग हों चाहे गेंदबाजी हों या बल्लेबाजी हों हम सब क्षेत्रों में गिरते चले गए है। बहुत से क्रिकेट पंडितो और पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने भारतीय टीम के इस बुरे प्रदर्शन के लिए आईपीएल को जिम्मेदार माना था। रवि शास्त्री ने खिलाड़ियों और बीसीसीआई पर तंज कसते हुए कहा था की किसी भी खिलाई को अगर फिट करना है तो उसे आईपीएल में भेज दो क्योंकि खिलाड़ी उस जगह चोट को छिपा के या चोट के साथ ही खेल लेता हैं। भारत की गेंदबाजी में भी वो पैनापन नज़र नहीं आ रहा हैं जो कुछ सालो पहले नज़र आया करता था।

2 साल में सिर्फ 3 भारतीय खिलाड़ियों ने ही शतक मारे है केएल राहुल, श्रेयस इयर और सुभमन गिल। भारतीय टीम जो एक समय सबसे अच्छी फील्डिंग टीम हुआ करती थी वो आज 2022 में सबसे कैच चोरने वाली टीम बन गई हैं। कुछ क्रिकेट के जानकार इसे लगातार हो रही क्रिकेट से थकावट या फैटिग भी बोल रहे है क्योंकि भारत 2 साल से बहुत ज्यादा श्रृंखलाएं खेल मैचे खेल रहा है, जिससे खिलाड़ियों मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है। खिलाड़ियों को लगातार रेट दिया जा रहा है जिसके कारण भी उनके खेल पर असर हो रहा है। विराट कोहली के हटाए जाने के बाद रवि शास्त्री को भी कोच का पद छोड़ना पड़ा था क्योंकि उनका कार्यकाल खत्म हो गया था और भारत के महान बल्लेबाज जिसे हम दीवार के नाम से जानते है राहुल द्रविड़ उन्हें कोच बनाया गया और ऐसा कहा गया की अब रोहित शर्मा की कप्तानी और राहुल द्रविड़ की कोचिंग से हम अपनी टीम को और अच्छा कर के विश्व कप जीतेंगे लेकिन ऐसा नहीं होता दिख रहा है क्योंकि देखा जाए तो राहुल द्रविड़ के कोच बनने के बाद हमने कई अहम श्रृंखलाएं और बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हार का सामना करना पड़ा हैं।

ऐसे में यह कहना बड़ा मुश्किल हैं की भारत आने वाले विश्वकप के लिए तैयार है वह शायद गलत होगा क्योंकि तत्काल में पूरी टीम साथ नही खेला पा रही है बैटिंग ऑर्डर,बॉलिंग और फील्डिंग में आ रही परेशानियों का हमारे पास अभी कोई भी जवाब नही दिख रहा हैं लेकिन भारतीय टीम के पास 1 साल का समय हैं जो की टीम बनाने के मुताबिक अच्छा खासा समय हैं। राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा को कुछ कड़े फैसले लेने होगे और खिलाड़ियों को साथ में लाना होगा जैसा हमने 2011 के विश्व कप में देखा था। भारतीय क्रिकेट टीम के प्रशंसक और प्रेमी 2011 के बाद से इस आस में हैं की एक और बार हम विश्व कप जीते क्योंकि हमारी भारतीय टीम किसी भी मुकाबले में कोई भी टीम से कम नही हैं। तो क्या प्रशंसक का यह सपना पूरा हो सकेगा? इस प्रश्न का उत्तर आने वाले एक साल ही बता सकते हैं।

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