बेंगलुरु। 41 बार के चैंपियन मुम्बई और पहले खिताब की तलाश में लगे मध्य प्रदेश के बीच बुधवार से होने वाले रणजी ट्रॉफी फाइनल से पहले मुंबई के एक पूर्व खिलाड़ी ने चुटकी लेते हुए कहा, कोई भी जीते, शिवाजी पार्क विजेता होगा। वह शुरुआती दिनों का जिक्र कर रहे थे कि कैसे मुंबई के दो बेहतरीन खिलाड़ी अमोल मुजुमदार और चंद्रकांत पंडित, जिन्होंने दिवंगत रमाकांत आचरेकर के प्रसिद्ध नर्सरी में अपने कौशल को निखारा। वे दोनों अब कोच के रूप में आमने-सामने हैं। जैसा कि बुधवार से बेंगलुरु में रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई और मध्य प्रदेश का मुकाबला होने वाला है।
मुजुमदार और पंडित केवल विपक्षी टीमों के दो कोच नहीं हैं। मुजुमदार ने पंडित के नेतृत्व में अपने करियर के आखिरी दिनों में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। 2003-04 में जब मुजुमदार क्रिकेट छोड़ना चाहते थे, उस समय पंडित के नेतृत्व में अपने सबसे सफल सीजन में से एक का आनंद लिया, और उस सीजन मुंबई के सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे।
दोनों एक सरल कोचिंग फिलॉसफी को मानते हैं,यह खिलाड़ियों के संबंध में है और एक खिताब जीतने के अलावा कुछ भी सफलता नहीं है। यह ऐसा मनोभाव है जो मुंबई के अधिकांश खिलाड़ियों में अंतर्निहित हो जाती है जब वे खेलते हैं। पंडित कोच के रूप में छह खिताबी जीत का हिस्सा रहे हैं। मुजुमदार अपने पहले सीजन में मुंबई को अपने नेतृत्व में पहला खिताब और कुल 42वां खिताब दिलाने की कोशिश करेंगे।
धवल कुलकर्णी को छोड़कर, जो 2015-16 में मुंबई के पिछली खिताबी जीत का हिस्सा थे, मुंबई के अन्य खिलाड़ियों में से कोई भी रणजी ट्रॉफी नहीं जीता है। मध्य प्रदेश के खेमे में भी पंडित को छोड़कर, जो कप्तान थे, जब मध्य प्रदेश ने आखिरी बार फाइनल में जगह बनाई थी, सभी खिलाड़ी पहली बार फाइनल खेलेंगे।
मुंबई के पास प्रतिभाशाली युवा बल्लेबाजी क्रम है, जिसकी कमान पृथ्वी शॉ के हाथों में है, जो इस सीजन शतक नहीं बनाने वाले बड़े नामों में से एकमात्र हैं। यशस्वी जायसवाल ने लगातार तीन शतक जड़े हैं। सुवेद पारकर ने डेब्यू पर ही दोहरा शतक जड़ा और अरमान जाफर और सरफराज खान सेमीफाइनल में बड़ा योगदान देकर आ रहे हैं।
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