कूल धोनी बोले मुझे भी डर-दबाव होता है, क्रिकेटर इस बात को नहीं मानते

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को मैदान पर सब अपने कुल बिहेवियर के लिए जानते हैं, लेकिन उन्हें भी डर महसूस होता है...
कूल धोनी बोले मुझे भी डर-दबाव होता है, क्रिकेटर इस बात को नहीं मानते
कूल धोनी बोले मुझे भी डर-दबाव होता है, क्रिकेटर इस बात को नहीं मानतेSyed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। भारतीय क्रिकेट टीम के सफलतम पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को मैदान पर सब अपने कुल बिहेवियर के लिए जानते हैं, उन्हें भी डर महसूस होता है और वह भी मैदान पर दबाव महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि डर और दबाव हर खिलाड़ी महसूस करता है, लेकिन भारतीय क्रिकेटर इसे सबके सामने लाने नहीं लाते। खिलाड़ी हमेशा मानसिक परेशानी पर बात करने से कतराते हैं, ऐसे में टीम के साथ हमेशा एक मेंटल कंडीशनिंग कोच होना आवश्यक है। महेंद्र सिंह धोनी ने यह बात पूर्व क्रिकेटर एस बद्रीनाथ की मेंटल हेल्थ को लेकर चर्चा करने वाली संस्था के साथ ऑनलाइन बातचीत में कही है। इस दौरान महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट, वॉलीबॉल, टेनिस के श्रेष्ठ कोचों के साथ चर्चा कर रहे थे।

मेंटल हेल्थ जैसी परेशानी को स्वीकारते नहीं है

महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) द्वारा इस बातचीत में कहा गया कि मानसिक परेशानी को स्वीकार करना बड़ा मुद्दा है। खासतौर पर खिलाड़ियों के साथ ऐसा होता है कोई भी वास्तव में यह नहीं कहता कि

मैं बल्लेबाजी करने जाता हूं तो पहली 5-10 गेंद खेलते वक्त दिल की धड़कन बढ़ जाती है, मुझे दबाव महसूस होता है। मुझे थोड़ा डर लगता है, हर कोई ऐसा महसूस करता है, लेकिन इसका सामना कैसे करें, इस बारे में कोई बात नहीं करता।

महेंद्र सिंह धोनी, पूर्व कप्तान, भारतीय क्रिकेट टीम

विराट कोहली ने भी लिया हिस्सा

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने भी इस सत्र में हिस्सा लिया और उन्होंनें भी मेंटल हेल्थ को लेकर कहा कि मेंटल हेल्थ खेल के साथ-साथ निजी जीवन में भी बहुत जरूरी है।

कोच और खिलाड़ी की भूमिका

खिलाड़ी और कोच का तालमेल बेहतरीन होना चाहिए खिलाड़ी अगर कोच से अपनी बात ना कहें तो यह अच्छा नहीं होता, यह किसी भी खेल में उचित बात है।

महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने इसे लेकर कहा कि यह मामूली दिक्कत है, लेकिन ज्यादातर मौकों पर खिलाड़ी कोच से इस बारे में बात नहीं करते, खिलाड़ी और कोच का रिश्ता बेहद अहम है।

कंडीशनिंग कोच की आवश्यकता

महेंद्र सिंह धोनी ने इस बातचीत में मेंटल हेल्थ पर काफी जोर दिया। उन्होंने कहा कि मेंटल कंडीशनिंग कोच टीम के साथ जुड़ेंगे तो यह फायदा कारी होगा, लेकिन अगर वह कुछ समय के लिए जुड़े तो इसका फायदा खिलाड़ी नहीं ले पाएंगे। अगर कंडीशनिंग कोच का जुड़ना लंबे तौर पर हो तो इसका फायदा मिल सकता है। महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) का मानना था कि कंडीशनिंग कोच लंबे तौर पर जुड़ कर खिलाड़ियों से अपना अनुभव साझा कर पाएंगे और समझ सकेंगे कि खिलाड़ी की क्या कमी है, जिसके बाद वह उन पर अच्छा काम कर सकेंगे।

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