दोहरा शतक न बना पाने का दुख नहीं, मैच हारने का दुख : फखर जमान

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे वनडे मुकाबले में 193 रन की शानदार पारी खेलने वाले पाकिस्तान के अनुभवी ओपनर फखर जमान ने कहा है कि उन्हें दोहरा शतक न बना पाने का नहीं,बल्कि मैच हार जाने का दुख है।
दोहरा शतक न बना पाने का दुख नहीं, मैच हारने का दुख : फखर जमान
दोहरा शतक न बना पाने का दुख नहीं, मैच हारने का दुख : फखर जमानSocial Media

राज एक्सप्रेस। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रविवार को दूसरे वनडे मुकाबले में 193 रन की शानदार और यादगार पारी खेलने वाले पाकिस्तान के अनुभवी ओपनर फखर जमान ने कहा है कि उन्हें दोहरा शतक न बना पाने का नहीं, बल्कि मैच हार जाने का दुख है। दूसरे वनडे में अकेले अपने दम पर मैच का रुख बदलने वाले और टीम को जीत के करीब ले जाने वाले जमान ने रविवार को मैच के बाद कहा, '' मैं डबल सेंचुरी न बना पाने के बजाय मैच हार जाने को लेकर ज्यादा निराश हूं। अगर हम यह मैच जीत जाते यह आश्चर्यजनक होता, इसलिए मुझे बहुत अफसोस है। उस समय स्थिति ऐसी थी कि मैं केवल जीत हासिल करने पर ध्यान दे रहा था, दोहरे शतक पर नहीं। मैं इसे खत्म नहीं कर सका, लेकिन मैंने हार के अंतर को कम करने में सफल रहा। "

अनुभवी बल्लेबाज ने कहा, '' ईमानदारी से कहूं तो एक समय मुझे लगा था कि हम यह मैच जीत सकते हैं। करीब 25वें ओवर में मैंने सैफी भाई (सरफराज अहमद) को बुलाया, क्योंकि वह मेरा खेल जानते हैं, मैंने उससे बात की और कहा कि बाबर आजम से पूछें कि क्या मैं अपना स्वाभाविक खेल खेलना शुरू कर सकता हूं, क्योंकि तबरेज शम्सी छोटे मैदान पर गेंदबाजी कर रहे हैं। उस समय मुझे लगा था कि अगर मैं हीटिंग शुरू कर दूं तो मैं अपनी टीम को खेल जीता सकता हूं। जब विकेट गिर रहे थे और हम 7 विकेट पर 200 रन पर थे तो मैं केवल दूसरों को क्रीज पर टिकने के लिए कह रहा था। सिर्फ यह कह रहा था कि बाहर मत निकलो। रनों की चिंता मत करो, बाहर मत निकलो। यहां के विकेट पर रन बनने नहीं रुक सकते, इसलिए मैं उनसे कह रहा था कि मेरे साथ टिके रहो।"

जमान ने शीर्ष क्रम के किसी भी बल्लेबाज द्वारा रन चेज में उनका साथ न दे पाने की बात को नकारते हुए कहा, '' चाहे आप पहले बल्लेबाज हो या 11वें नंबर के बल्लेबाज इस पिच पर शुरुआती 10 से 15 रन बनाना बहुत मुश्किल है। एशियाई विकेटों पर ऐसा नहीं है, लेकिन यहां है। दुर्भाग्य से हमारे कई शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को 20 से 25 गेंदों के ज्यादा खेलने को नहीं मिले। जब तक आप इतनी गेंदें नहीं खेलते तब तक आप रन नहीं बना सकते। बाबर आजम को सेट होने का मौका मिला, लेकिन अन्य बल्लेबाजों को नहीं। "

डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।

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