सचिन की सलाह पर बोले भज्जी- “पाजी मैं आपसे सहमत हूं”

"महत्वपूर्ण विषय पर सचिन ने अपने दौर के प्रतिस्पर्धी और महान बल्लेबाज ब्रायन चार्ल्स लारा से चर्चा का एक वीडियो भी साझा किया है।"
हरभजन को पसंद आई सचिन की सलाह।
हरभजन को पसंद आई सचिन की सलाह। Social Media

हाइलाइट्स

  • पगबाधा फैसले पर बोले सचिन

  • DRS-गेंद-स्टंप से जुड़ा है मामला

  • लारा से चर्चा का वीडियो किया शेयर

राज एक्सप्रेस। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट में पगबाधा (LBW) से जुड़े फैसले के बारे में अपनी राय रखी है। महत्वपूर्ण विषय पर सचिन ने अपने दौर के प्रतिस्पर्धी और महान बल्लेबाज ब्रायन चार्ल्स लारा से चर्चा का एक वीडियो भी साझा किया है।

तो बल्लेबाज आउट –

भारत के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने शनिवार को कहा कि पगबाधा के मामले में अगर अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली यानी डीआरएस में गेंद स्टंप्स से टकराती नजर आये तो बल्लेबाज को आउट देना चाहिए।

कभी हेलमेट में गेंद लगने पर पगबाधा आउट हुए थे सचिन।
कभी हेलमेट में गेंद लगने पर पगबाधा आउट हुए थे सचिन।- Social Media

सनद रहे अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली को अंग्रेजी में अंपायर डिसीजन रिव्यू सिस्टम (UDRS) या संक्षिप्त रूप से डीआरएस (DRS) कहा जाता है। वर्तमान क्रिकेट में प्रचलित यह तकनीक आधारित नई प्रणाली है। इस पर एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय है।

याद आ गया अंपायर बकनर-सचिन डिसीजन मामला।
याद आ गया अंपायर बकनर-सचिन डिसीजन मामला।- Social Media

मास्टर ब्लास्टर ने शनिवार को अपने ट्वीट में लिखा कि इससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि गेंद का कितना फीसदी हिस्सा स्टंप्स से टकरा रहा है। सचिन ने डीआरएस के विषय में वेस्टइंडीज के पूर्व बल्लेबाज ब्रायन लारा के साथ हुई बातचीत का वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया है। सचिन के ट्वीट पर गौर फरमाएं साथ ही देखें वीडियो में क्या है ब्रायन लारा की राय?-

इंसान-विज्ञान का ज्ञान -

भारत के लिये 200 टेस्ट मैच खेल चुके सचिन ने कहा, ''गेंद का कितना प्रतिशत हिस्सा स्टंप्स से टकराता है यह मायने नहीं रखता। अगर डीआरएस हमें दिखाता है कि गेंद स्टंप से टकरा रही है, तो इसे मैदानी कॉल की परवाह किए बिना ऑउट दिया जाना चाहिए। क्रिकेट में तकनीक के इस्तेमाल का यही मकसद है। जैसा कि हम सब जानते है कि न तो टेक्नोलॉजी और न ही इंसान 100 प्रतिशत सही है।"

''मैं डीआरएस के मामले में आईसीसी से इत्तेफाक नहीं रखता हूं। खासतौर पर पगबाधा के संबंध में। डीआरएस में मैदानी अंपायर का फैसला तभी बदला जा सकता है, जब गेंद का 50 फीसदी हिस्सा स्टंप्स से टकराता दिखे और यह सही नहीं है। खिलाड़ी मैदानी अंपायर के फैसले के खिलाफ तभी रिव्यू लेते हैं, जब वे उनसे संतुष्ट नहीं होते हैं।”

– सचिन तेंदुलकर, भूतपूर्व भारतीय बल्लेबाज क्रिकेटर

टेनिस की गेंद -

तेंदुलकर ने कहा, ''ऐसे में जब मामला थर्ड अंपायर के पास जाता है, तो फिर वहां नतीजा टेक्नोलॉजी से ही तय किया जाना चाहिए। जैसे कि टेनिस के खेल में होता है, गेंद कोर्ट के अंदर है या बाहर। इसमें बीच जैसी कोई स्थिति नहीं होती है।"

भज्जी की सहमति -

सचिन तेंदुलकर के इस सुझाव का भारत के पूर्व स्पिनर और सचिन की मुंबई इंडियंस के साथी खिलाड़ी रहे हरभजन सिंह ने समर्थन किया है। हरभजन ने ट्वीट किया है -

उन्होंने लिखा है कि; ''पाजी मैं आपसे 100 प्रतिशत सहमत हूं। अगर गेंद स्टंप्स को छूकर भी निकल रही है, तो भी बल्लेबाज को पगबाधा आउट देना चाहिए। इससे फर्क नहीं पडऩा चाहिए कि गेंद का कितना फीसदी हिस्सा विकेट से टकराया। खेल की बेहतरी के लिए कुछ नियमों में बदलाव होना चाहिए और यह उनमें से एक है।"

डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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