तीन साल के चक्र के कारण पेरिस ओलंपिक मुश्किल होगा : अभिनव बिंद्रा

अभिनव बिंद्रा ने टोक्यो ओलंपिक में देश के प्रदर्शन की सराहना करते हुए इसे अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बताया है, लेकिन उन्होंने 2024 में होने वाले पेरिस ओलंपिक को लेकर चिंता जताई है।
तीन साल के चक्र के कारण पेरिस ओलंपिक मुश्किल होगा : अभिनव बिंद्रा
तीन साल के चक्र के कारण पेरिस ओलंपिक मुश्किल होगा : अभिनव बिंद्रा Social Media

बेंगलुरु। भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने टोक्यो ओलंपिक में देश के प्रदर्शन की सराहना करते हुए इसे अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बताया है, लेकिन उन्होंने 2024 में होने वाले पेरिस ओलंपिक को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि पेरिस में अगला ओलंपिक मुश्किल होगा, क्योंकि एथलीटों के पास तैयारी के लिए केवल तीन साल होंगे।

बिंद्रा ने यहां गुरुवार को ईएलएमएस स्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहा, '' टोक्यो खेलों में अब तक के सर्वश्रेष्ठ सात पदकों के साथ एक ऐतिहासिक प्रदर्शन था। बड़ी जीत और दिल टूटने के क्षण थे, लेकिन खेल यही है। अब हमारे पास आगे बढ़ने के लिए एक अच्छी लय है, हालांकि मुझे लगता है कि अगला ओलंपिक चक्र मुश्किल होगा, खास कर छोटे चक्र के कारण। आम तौर पर एथलीटों को ओलंपिक के बाद एक साल का समय मिलता है जो उन्हें आराम करने और ठीक होने की अनुमति प्रदान करता है, लेकिन इस बार उन्हें बहुत जल्दी वापस आने की जरूरत है।"

उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के चलते टोक्यो खेलों को एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया था। परिणामस्वरूप ओलंपिक चक्र कम होकर तीन साल का हो गया था, जबकि आम तौर पर यह चार साल का होता है। अब 2024 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में ओलम्पिक खेलों का आयोजन होना है। ऐसे में अब एथलीटों के पास कम क्वालिफिकेशन इवेंट और कोटे की चुनौती होगी।

प्रख्यात निशानेबाज का मानना है कि वैज्ञानिक तरीके अपनाना और जमीनी स्तर पर उच्च प्रदर्शन वाला माहौल बनाना आगे चलकर महत्वपूर्ण होगा। बिंद्रा ने कहा, '' हम शीर्ष नेतृत्व के बारे में बात करते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि हमें दूसरे स्तर के नेतृत्व में और अधिक गुणवत्ता लाने की आवश्यकता है। हमें लोगों को इस ज्ञान के साथ सशक्त बनाने की आवश्यकता है कि उच्च प्रदर्शन वाला वातावरण कैसे स्थापित किया जाए। एथलीटों के प्रशिक्षण और विकास के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, विश्लेषण और चिकित्सा को न केवल एलीट स्तर, बल्कि इसे जमीनी स्तर पर सही तरीके से शामिल करना भी महत्वपूर्ण है।"

2008 बीजिंग ओलंपिक चैंपियन बिंद्रा ने कहा, '' मेरा मानना है कि देश की कॉलेज स्तर की खेल प्रणाली को प्रभावी ढंग से विकसित नहीं किया गया है और आगे चलकर इसे और अधिक सार्थक तरीके से खेलने की जरूरत है क्योंकि हम जूनियर से एलीट स्तर तक पहुंचते-पहुंचते बहुत सारी प्रतिभा खो देते हैं।"

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