बड़ी टीमों का सामना करना तनावपूर्ण था,पर श्रीजेश से मदद मिली : पवन
बड़ी टीमों का सामना करना तनावपूर्ण था,पर श्रीजेश से मदद मिली : पवनSocial Media

बड़ी टीमों का सामना करना तनावपूर्ण था, लेकिन श्रीजेश से मदद मिली : पवन मलिक

भारतीय हॉकी टीम के युवा गोलकीपर पवन मलिक का कहना है कि दुनिया की शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलना 'तनावपूर्ण' था लेकिन पीआर श्रीजेश के साथ काम करने से उन्हें तनाव को कम करने में मदद मिली।

बेंगलुरु। भारतीय हॉकी टीम में मात्र दो माह पहले जगह पाने वाले युवा गोलकीपर पवन मलिक का कहना है कि दुनिया की शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलना 'तनावपूर्ण' था लेकिन पीआर श्रीजेश के साथ काम करने से उन्हें तनाव को कम करने में मदद मिली। पवन ने ओडिशा के राउरकेला में मार्च में खेले गए एफआईएच हॉकी प्रो लीग मैचों में भारत के प्रभावशाली प्रदर्शन किया था। हॉकी विश्व कप में भारत के लिए शानदार गोलकीपिंग करने वाले कृष्णा पाठक की अनुपस्थिति में पवन ने विश्व चैंपियन जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

पवन ने हॉकी इंडिया की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा, ''जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसी शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलना तनावपूर्ण था। जिस गति से वे आगे बढ़ते हैं, वह मेरे जूनियर टीम के साथियों से बहुत अलग है।" उन्होंने कहा, ''लेकिन टीम ने वास्तव में मेरा समर्थन किया और शिविर में अनुभवी खिलाड़ियों के साथ काफी समय बिताने से मुझे बहुत मदद मिली।" पवन ने भारत की जूनियर टीम के लिए खेलते हुए ही प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ हॉकी में तेजी से प्रगति की है। प्रो लीग में उनके प्रदर्शन की तुलना जर्मनी के स्टार गोलकीपर ज्यां-पॉल डेनबर्ग से की गई।

उन्होंने कहा, ''जब लोग मेरे प्रदर्शन को पहचानते हैं तो अच्छा लगता है लेकिन मुझे अभी भी अपने ऊपर बहुत काम करने की जरूरत है। पीआर श्रीजेश जैसे दिग्गज, जिनके पास लगभग दो दशकों का अनुभव है, उनके साथ काम करने से मुझे यह समझने में मदद मिली है कि बड़े मैचों की परिस्थितियों में दबाव को कैसे कम करना है।" उन्होंने कहा, ''प्रो लीग में उनके साथ खेलना मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा था और मैं सिर्फ मुझे सौंपे गए काम पर ध्यान देना चाहता था।"

पवन 2018 में ब्यूनस आयर्स में यूथ ओलंपिक खेलों में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। वह वर्तमान में यहां भारतीय खेल प्राधिकरण के शिविर में चार अन्य गोलकीपरों, प्रशांत कुमार चौहान, सूरज करकेरा, कृष्ण पाठक और श्रीजेश के साथ अभ्यास कर रहे हैं। पवन ने कहा, ''मैं इस समय भारत के लिए खेलने का मौका मिलने को लेकर बहुत चिंतित नहीं हूं। मुझे पता है कि समय आने पर मैं इसमें सफल हो जाऊंगा लेकिन तब तक मुझे अपने कौशल में सुधार करने और खेल में सर्वश्रेष्ठ बनने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ''भले ही मुझे अब मैच न मिले, लेकिन सीनियर कैंप में मुझे हर दिन बहुत कुछ सीखने को मिलता है।"

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