आक्रामक होना एकाग्रता में कमी का परिचायक नही : रोहित शर्मा
आक्रामक होना एकाग्रता में कमी का परिचायक नही : रोहित शर्माSocial Media

आक्रामक होना एकाग्रता में कमी का परिचायक नही : रोहित शर्मा

डब्ल्यूटीसी में रोहित शर्मा ने कहा कि आक्रमक रवैया अख्तियार करना एकाग्रता में कमी का द्योतक नहीं है मगर यह भी सही है कि बल्लेबाजों ने कुछ ढीले शॉट्स का चुनाव किया जो हमे लक्ष्य से दूर ले गया।

लंदन। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) में आस्ट्रेलिया से मिली हार से मायूस भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि आक्रमक रवैया अख्तियार करना एकाग्रता में कमी का द्योतक नहीं है मगर यह भी सही है कि बल्लेबाजों ने कुछ ढीले शॉट्स का चुनाव किया जो हमे लक्ष्य से दूर ले गया। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भारत ने दोनों बार (2021 और 2023) फ़ाइनल में प्रवेश किया। हालांकि दोनों ही मौको पर भारतीय टीम जीत की लाइन को क्रॉस करने में क़ामयाब नहीं हो पाई। अगर दोनों फाइनलों में देखा जाए तो एक बात कॉमन थी कि भारतीय बल्लेबाज़ बेहतरीन तेज गेंदबाजो के सामने टिकने में सफल नहीं हो पाए।

रोहित ने मैच के बाद कहा, “ हमने अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। आज सुबह भी बल्लेबाज़ों ने कुछ ढीले शॉट लगाए और इस वजह से हम लक्ष्य तक नहीं पहुंच सके लेकिन खिलाड़ियों के लिए हमारा संदेश साफ था कि वह आजादी से खेलें। अगर बड़े शॉट्स लगाने का मन हो तो लगाइए। चाहे वह टेस्ट क्रिकेट हो या टी20 क्रिकेट या वनडे क्रिकेट, हमें दबाव में नहीं खेलना चाहिए। अगर आप देखें कि दूसरी पारी में गिल और मैंने किस तरह से शुरुआत की, तो हमारी योजना सकारात्मक रूप से खेलने और उन पर दबाव बनाने की थी। इसलिए हम दस ओवरों में शायद 60 रन बना चुके थे, लेकिन अगर आप उस मानसिकता के साथ खेलते हैं, तो संभावना है कि आप आउट भी हो सकते हो।”

उन्होने कहा “ जब ऐसा होता है, तो ये एकाग्रता की कमी वाली टिप्पणियां आती हैं लेकिन ऐसा नहीं है, हम अलग तरह से खेलना चाहते थे।” ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें दिन विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे के शॉट को देखा जाए तो यह साफ था कि उन गेंदों को आसानी से छोड़ा जा सकता था। साथ ही रोहित शर्मा चौथे दिन जिस तरह से नाथन लायन की गेंद पर स्वीप मारने गए या फिर चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाज जिस तरह से अपर कट लगाने गए, उस पर काफी सवालिया निशान हैं।

रोहित ने कहा कि वह अपने खिलाड़ियों के लिए बहुत आलोचनात्मक नहीं होंगे क्योंकि उनमें से अधिकांश उन टीमों का हिस्सा रहे हैं जिन्होंने पटौदी ट्रॉफी में 2021 में इंग्लैंड में टेस्ट जीते हैं। रोहित ने माना कि अनुभवी खिलाड़ी इस मैच में अपने प्रदर्शन से अंतर पैदा करने में नाकाम रहे। रोहित ने कहा, “ मैं इसे लेकर ज़्यादा आलोचनात्मक नहीं होना चाहता क्योंकि पिछली बार जब हम यहां थे तो कई सीनियर बल्लेबाज़ों ने वास्तव में बढ़िया प्रदर्शन किया और सीरीज में हमें आगे बढ़ाया था। मेरा मतलब है कि इस तरह की चीजे हो सकती हैं। हमने पिछले दो वर्षों में वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया है, चाहे हम ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड में खेले हों। हालांकि अगर किसी मैच में आप मानसिक रूप से मानसिक रूप से तैयार नहीं हो तो आप मैच हार सकते हैं और ठीक वही हुआ है।”

उन्होने कहा “ हम ईमानदारी से इसे अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाह रहे थे। हमारे पास जितना भी समय था, उसमें सभी खिलाड़ियों ने वास्तव में अच्छी तैयारी की। आप बस इतना ही कर सकते हैं। अक्तूबर में जब विश्व कप होगा, हमारी योजना एक अलग ब्रांड की क्रिकेट खेलने और कुछ अलग करने की कोशिश करने की होगी। पिछले आठ-नौ साल से हम एक ही तरह से सोचते आ रहे हैं कि यह मैच महत्वपूर्ण है या यह घटना महत्वपूर्ण है, और यह हमारे लिए कारगर नहीं रहा है। इसलिए हमें अलग तरीके से सोचना होगा।”

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