श्रीलंका ने दूसरा टेस्ट जीतकर सीरीज में 1-1 से बराबरी की
श्रीलंका ने दूसरा टेस्ट जीतकर सीरीज में 1-1 से बराबरी कीSocial Media

श्रीलंका ने दूसरा टेस्ट जीतकर सीरीज में 1-1 से बराबरी की

श्रीलंका ने पाकिस्तान को दूसरे टेस्ट मैच में गुरूवार को पांचवें दिन 246 रन से पराजित कर दो मैचों की सीरीज 1-1 से ड्रा करा ली।

गाले। लेफ्ट आर्म स्पिनर प्रभात जयसूर्या (117 रन पर पांच विकेट) और ऑफ स्पिनर रमेश मेंडिस (101 रन पर चार विकेट) की घातक गेंदबाजी की बदौलत श्रीलंका ने पाकिस्तान को दूसरे टेस्ट मैच में गुरूवार को पांचवें दिन 246 रन से पराजित कर दो मैचों की सीरीज 1-1 से ड्रा करा ली। श्रीलंका ने पाकिस्तान के सामने 508 रन का बेहद मुश्किल लक्ष्य रखा था, जिसका पीछा करते हुए पाकिस्तानी टीम एक विकेट पर 89 रन से आगे खेलते हुए 261 रन पर सिमट गयी। धनंजय डीसिल्वा को दूसरी पारी में उनके शतक के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया,जबकि जयसूर्या को प्लेयर ऑफ द सीरीज का पुरस्कार मिला। जयसूर्या ने सीरीज में कुल 17 विकेट लिए।

लगभग तीन हफ्ते पहले प्रभात जयसूर्या श्रीलंका के टेस्ट एकादश तो क्या, पूरे दल के आस-पास नहीं थे। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ निराशाजनक गेंदबाजी करने पर लसिथ एम्बुलदेनिया को ड्रॉप कर दिया गया और प्रवीण जयविक्रमा को कोविड हो गया। ऐसे में श्रीलंका को नए स्पिन गेंदबाजों की जरूरत पड़ी और कप्तान दिमुथ करुणारत्ना ने जयसूर्या को टीम में शामिल करने की मांग की। जयसूर्या ने भले ही तब तक टेस्ट मैच नहीं खेला था, लेकिन वह 62 प्रथम श्रेणी मैचों के अनुभव के धनी थे। इसके अलावा उनकी गेंदबाजी में नियंत्रण कप्तान के लिए एक अनमोल चीज थी। गाले में हुए चार लगातार टेस्ट मैच के पहले पड़ाव में श्रीलंकाई स्पिनर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को लगातार बाउंड्री मारने के मौके दे रहे थे, और करुणारत्ना को ऐसे गेंदबाज की तलाश थी जो बाउंड्री खाने के बाद भी अच्छी लेंथ पर टिका रहे।

अब जयसूर्या ने अपने जीवन के पहले तीन टेस्ट में से दो में अपने टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने छह पारियों में 20.37 के औसत से 29 विकेट लिए हैं, जिनमें चार बार पारी में पांच विकेट शामिल हैं। 2.73 की इकॉनमी उनके नियंत्रण को दर्शाती है, लेकिन शायद इस प्रकार का असर करुणारत्ना के उम्मीदों से भी बढ़कर रहा है। हर अच्छे बाएं हाथ के स्पिनर की तरह जयसूर्या के सफलता का राज रहा है उनका आर्म बॉल, यानी टप्पा खाकर सीधे जाने वाली गेंद। यह किसी भी बल्लेबाज के विरुद्ध बोल्ड और पगबाधा, दोनों को संभावित कर देता है। गाले टेस्ट के पांचवें दिन ऐसी ही एक गेंद से उन्होंने पाकिस्तान के तीसरे विकेट की साझेदारी को तोड़ा जब मोहम्मद रिजवान गेंद छोड़ने गए और बोल्ड हो गए। इसके बाद श्रीलंका के गेंदबाजों को मैच खत्म करने में सिर्फ 23 ओवर लगे।

जयसूर्या के साथी रमेश मेंडिस पहले टेस्ट में थोड़े बेअसर जरूर थे, लेकिन इस मैच में उन्होंने नौ विकेट लेकर अपना योगदान दिया। पाकिस्तान की दूसरी पारी में फवाद आलम के रनआउट के अलावा बाकी के सभी विकेट जयसूर्या और मेंडिस ने ही लिए। जयसूर्या ने कहा, हमने कोच और कप्तान के साथ यही तय किया था कि हमें दोनों छोर से दबाव बनाए रखना होगा। अगर एक छोर से रन बनते हैं तो विकेट लेना उतना ही मुश्किल हो जाता है। रमेश जब विकेट ले रहे थे तब हमने दूसरे छोर पर भी दबाव बरकरार रखा था। मैंने काफी कसी हुई गेंदबाजी की।

पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम ने एकतरफा संघर्ष करते हुए 146 गेंदों में 81 रन बनाए। बाबर छठे बल्लेबाज के रूप में टीम के 205 के स्कोर पर आउट हुए। इसके बाद पाकिस्तानी पारी को सिमटने में ज्यादा समय नहीं लगा।

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