भारत के ब्रह्मोस ने छीना चीन का चैन

आपको बता दे कि ब्रह्मोस एक सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। ये मिसाइल इतनी खतरनाक है कि इसके वार से दुश्मन की हार टल नहीं सकती।

राज एक्सप्रेस । भारत के रक्षा अनुसंधान ने एक ऐसी मिसाइल तैयार की है जिसकी चर्चा पूरी  दुनिया में है।  एशिया में इस मिसाइल की डिमांड इतनी ज्यादा है कि फिलीपींस इसे खरीद चूका है और  इंडोनेशिया इस मिसाइल को खरीदने के लिए डील कर रहा है। फिलीपींस और इंडोनेशिया के पास इस मिसाइल का होना चीन के लिए डर पैदा कर रहा है।

भारत की रक्षा कंपनी ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने  इंडोनेशिया के साथ 350 मिलियन डॉलर की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के सौदे पर बातचीत शुरू कर दी है। अनुमान लगाया जा रहे है कि साल के अंत तक ये डील हो सकती है। अब आप सोच रहे होंगे कि इस मिसाइल में ऐसा क्या है जो दुनिया के देश इसे अपनी सेना में शामिल करना चाहते है ?

आपको बता  दे कि ब्रह्मोस एक सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से,  जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। ये मिसाइल इतनी खतरनाक है कि इसके वार से दुश्मन की हार टल नहीं सकती।  ब्रह्मोस भारत का ऐसा ब्रह्मास्त्र जो दुश्मनो की मुसीबत बना हुआ है,  इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये मिसाइल कितनी  खतरनाक है। अब आपका सामना इसकी खासियत से करवाते है जिससे आप जान जायेंगे कि इस मिसाइल पर बड़े बड़े देश क्यों लट्टू हो रहे है। 


1 ये मिसाइल हवा में भी रास्ता बदल सकती है और चलते फिरते लक्ष्य को अपना शिकार बना सकती है।  

2 इसको वर्टिकल या सीधे कैसे भी दागा जा सकता है।

3 यह मिसाइल तकनीक थलसेना, जलसेना और वायु सेना तीनों के काम आ सकती है।

4 यह रडार की पकड़ में आये बिना 10 मीटर की ऊँचाई पर उड़ान भर सकती है।  

5 किसी भी अन्य मिसाइल को धोखा देने में सक्षम इस मिसाइल को  मार गिराना लगभग असंभव है।

6 ब्रह्मोस अमेरिका की टॉम हॉक से लगभग दोगुना अधिक तेजी से हमला कर सकती है, इसकी मारक क्षमता भी टॉम हॉक से ज्यादा है।

7 आम मिसाइलों के विपरीत यह मिसाइल हवा को खींच कर रैमजेट तकनीक से ऊर्जा प्राप्त करती है।

8 यह मिसाइल 1200 यूनिट ऊर्जा पैदा कर अपने लक्ष्य को तहस नहस कर सकती है।

इन विशेषताओं से आप अंदाजा लगा सकते है कि भारत के ब्रह्मोस का दुनिया में जयघोष क्यों हो रहा है।   आपको जानकर  हैरानी होगी कि पिछले एक साल में भारत 11,607 करोड़ रुपए के हथियार बेच चुका है। यह आंकड़ा 8 साल पहले के डिफेंस एक्सपोर्ट से 6 गुना ज्यादा है। भारत जो हथियार अमेरिका से खरीदता था उसमें  46 प्रतिशत की कमी आयी है जिससे कहा जा सकता है कि भारत ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों के साथ रक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है । 

गोला बारूद के बाजार में भी भारत की पकड़ मजबूत होती जा रही है। भारत के बढ़ते कदम पाकिस्तान को पस्त करने के साथ साथ अब भारत की तरफ आँख  उठाकर देखने वालो के लिए भी एक चुनौती है। एशियाई बाजार में ब्रह्मोस मिसाइल की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। चीन के पड़ोसी देश वियतनाम ने इस मिसाइल में अपनी दिलचस्पी दिखाई है। इस मिसाइल को बनाने वाली ब्रह्मोस एयरोस्पेस जल्द ही डील को लेकर बातचीत शुरू कर सकती है। वियतनाम को सबसे ज्यादा खतरा चीन से है। ऐसे में अपनी सीमा की रक्षा के लिए सैन्य ताकत को बढ़ाने में जुटा वियतनाम इस मिसाइल से अपनी ताकत जरूर बढ़ाना चाहेगा। रक्षा के क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदमो से साफ़ है कि अब भारत अपनी रक्षा के लिए किसी पर निर्भर नहीं है, यह नया  भारत है जो आत्मनिर्भर है ।

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