हंगरी ने स्वीडन को NATO में शामिल करने के लिए दी मंजूरी, 200 साल पुरानी गुटनिरपेक्षता की नीति का अंत

Sweden Will Now Join NATO : उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन को NATO कहा जाता है। इसका गठन अमेरिका, फ्रांस, कैनेडा और ब्रिटेन समेत 12 देशों द्वारा हुआ था।
हंगरी ने स्वीडन को NATO में शामिल करने के लिए दी मंजूरी
हंगरी ने स्वीडन को NATO में शामिल करने के लिए दी मंजूरीRaj Express

हाइलाइट्स :

  • NATO में शामिल होने वाला 32 वां देश स्वीडन।

  • साल 1946 में हुआ था NATO का गठन।

  • स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने जताई खुशी।

Sweden In NATO : यूरोप। हंगरी पार्लियामेंट ने स्वीडन को NATO में शामिल करने के लिए दी मंजूरी दे दी है। इसी के साथ स्वीडन द्वारा 200 साल पुरानी गुटनिरपेक्षता की नीति का अंत हो गया है। स्वीडन के प्रधानमंत्री ने इसे ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि, 'सभी नाटो सदस्य देशों की संसदों ने अब स्वीडिश को नाटो में शामिल होने के पक्ष में मतदान किया है। स्वीडन यूरो-अटलांटिक सुरक्षा के लिए अपनी ज़िम्मेदारी उठाने के लिए तैयार है।'

स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने कहा था कि, "स्वीडन 200 साल की तटस्थता और सैन्य गुटनिरपेक्षता को पीछे छोड़ रहा है। हम जो हैं और जिस चीज़ पर हम विश्वास करते हैं उसे और भी बेहतर ढंग से बचाने के लिए हम नाटो में शामिल हो रहे हैं। हम दूसरों के साथ मिलकर अपनी स्वतंत्रता, अपने लोकतंत्र और अपने मूल्यों की रक्षा कर रहे हैं।"

हंगरी द्वारा स्वीडन को नाटो में प्रवेश के लिए मंजूरी देने के बाद नाटो के सेकेट्री जनरल जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा, 'मैं नाटो में स्वीडन की सदस्यता की पुष्टि के लिए हंगेरियन संसद के वोट का स्वागत करता हूं। अब जब सभी मित्र राष्ट्रों ने मंजूरी दे दी है, तो स्वीडन 32वां NATO सहयोगी बन जाएगा। स्वीडन की सदस्यता हम सभी को मजबूत और सुरक्षित बनाएगी।'

क्या है नाटो :

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन को NATO कहा जाता है। इसका गठन साल 1946 में अमेरिका, फ्रांस, कैनेडा और ब्रिटेन समेत 12 देशों द्वारा हुआ था। इसका उद्देश्य USSR के विस्तार को रोकना था। इसके सदस्य देश इस बात के लिए परिबद्ध हैं कि, यदि एक पर भी हमला हुआ तो अन्य देश उसकी सहायता के लिए आएंगे। नाटो में अब तक 31 देश थे अब स्वीडन के बाद 32 देश हो जायेंगे। USSR के विघटन के बाद कई बॉस NATO के अस्तित्व पर सवाल भी उठाए गए लेकिन रूस और यूक्रैन युद्ध के बाद इसकी अहमियत और बढ़ गई है। फिनलैंड भी NATO में शामिल होना चाहता है।

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