पुतिन ने जर्मनी को क्यों कहा अमेरिका का गुलाम
पुतिन ने जर्मनी को क्यों कहा अमेरिका का गुलामSyed Dabeer Hussain - RE

जर्मनी में अमेरिकी सैनिक ही नहीं बल्कि परमाणु हथियार भी, जानिए पुतिन ने जर्मनी को क्यों कहा अमेरिका का गुलाम?

एक रिपोर्ट के अनुसार इस समय जर्मनी में 33 हजार से अधिक अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। इनमें 9 हजार से ज्यादा एयरफोर्स अफसर हैं। हालांकि यह संख्या घटती-बढ़ती रहती है।

राज एक्सप्रेस। रूस और युक्रेन के बीच युद्ध के चलते पिछले कुछ समय में रूस और पश्चिम देशों के बीच भी तनातनी बढ़ी है। पश्चिम देश लगातार युक्रेन की युद्ध में मदद कर रहे हैं। खासकर अमेरिका खुलकर युक्रेन के समर्थन में खड़ा दिखाई दे रहा है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जर्मनी और अमेरिका को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है। दरअसल उन्होंने कहा है कि, ‘सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद अमेरिका ने जर्मनी को अपना गुलाम बना लिया है। आज भी हजारों अमेरिकी सैनिक जर्मनी में मौजूद हैं।’ व्लादिमीर पुतिन के इस दावे के बाद कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या वह सच बोल रहे हैं। तो चलिए जानते हैं उनके दावे की सच्चाई।

जर्मनी में कब से हैं अमेरिकी सैनिक?

दरअसल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सोवियत संघ, ब्रिटेन और अमेरिका ने अपनी सेनाओं को जर्मनी में भेजा था। वहीं खुद को घिरता देख जब हिटलर ने खुदखुशी कर ली और जर्मनी युद्ध में हार गया तो विजेता देशों की सेनाएं धीरे-धीरे वापस अपने देशों को लौट गईं। हालांकि अमेरिका जीत के बावजूद जर्मनी से बाहर नहीं आया। उसकी सेनाएं वहीं मौजूद रही। इस बीच अमेरिका ने फेडरल रिपब्लिक ऑफ जर्मनी से एक करार किया। इस करार के तहत अमेरिकी सैनिक जर्मनी में शांति कायम करने के लिए 10 सालों तक वहां मौजूद रहेंगे।

वर्तमान स्थिति क्या है?

अगर हम वर्तमान स्थिति की बात करें तो वैसे अमेरिकी सैनिक इस समय पूरे यूरोप में हैं, लेकिन सबसे ज्यादा सैनिक जर्मनी में हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इस समय जर्मनी में 33 हजार से अधिक अमेरिकी सैनिक तैनात है। इनमें 9 हजार से ज्यादा एयरफोर्स अफसर हैं। हालांकि यह संख्या घटती-बढ़ती रहती है। जापान के बाद जर्मनी दूसरा ऐसा देश हैं, जहां इतनी बड़ी तादाद में अमेरिकी सैनिक हैं।

बना लिए हैं शहर :

दरअसल जर्मनी में अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठान हैं। यहां अमेरिकी नागरिकों को भी नौकरी दी जाती है। इस तरह वहां के अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठान पर तैनात सैनिक, अधिकारी और वहां काम करने वाले अमेरिकी नागरिक अपने परिवारों के साथ ही वहां रहते हैं। ऐसे में इनकी सुविधाओं के लिए वहां शॉपिंग मॉल, स्कूल, डाक सेवा और पुलिस थाना सहित अन्य सभी चीजें मौजूद हैं। हैरानी की बात तो यह है कि जर्मनी के रेम्सटाइन शहर में तो डॉलर करंसी चलती है।

परमाणु हथियार भी :

बता दें कि अमेरिका जर्मनी में अपने ठिकानों पर ही नहीं बल्कि गैर-अमेरिकी ठिकानों पर भी अपने जहाज रखता है। इसके अलावा अमेरिका ने पश्चिमी जर्मनी में बुशेल एयरबेस में अपने परमाणु हथियार भी रखे हैं। कई बार जर्मनी के लोगों ने कई आलोचना भी की है।

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