राज एक्सप्रेस। बीते कुछ दिनों से लद्दाख और सिक्किम से सटी चाइना की सीमा पर तनाव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। इस तनाव पूर्ण स्थिति में बुधवार को अमेरिका ने अपनी दोस्ती का फर्ज निभाते हुए भारत का समर्थन किया।
अमेरिका ने समर्थन करते हुए कहा :
दरअसल, बीते कुछ दिनों से भारत और चाइना की सीमा पर दोनों ही देशों के जवानों में खींचातानी हो रही है और हालत कुछ बिगड़ते हुए दिख रहे है। ऐसे में भारत के खास दोस्त देशों में शामिल अमेरिका ने भारत का समर्थन करते हुए कहा है कि, "यह विवाद हमें चीन द्वारा उत्पन्न होने वाले खतरे की याद दिला रहे हैं।
प्रमुख एलिस वेल्स का कहना :
वहीं, इसी मुद्दे पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय में दक्षिण और पश्चिम एशिया विभाग की प्रमुख एलिस वेल्स का कहना है कि, "चाइना एक उकसावे और परेशान करने वाला देश है और चाइना के खिलाफ सभी एक जैसी सोच रखने वाले देश अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और आसियान सदस्य एक साथ हो गए हैं।" वेल्स ने आगे कहा कि, अब नई दिल्ली को उचित फैसला करना होगा कि वह तालिबान के संपर्क में रहना चाहता है या नही। वहीं, उन्होंने अपनी राय देते हुए कहा कि, काबुल की नई सरकार में तालिबान मिलने ने जा रहा है, अब इन हालातों में भारत के लिए अफगानिस्तान की सरकार के साथ 'स्वस्थ संबंध' बनाना जरूरी है।
उन्होंने कहा, देशों की सीमा पर तनाव चाइना के अतिक्रमण की याद दिलाते हैं। चाइना का स्वाभाव ही उकसावे और तनाव बढ़ाने वाला है फिर चाहे वह दक्षिण चीन सागर हो या भारतीय सीमा। चीन का यह रवैया देखते हुए अब बात यह सामने आती है कि, चाइना किस प्रकार अपनी बढ़ती शक्तियों का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहा है। हम बस इतना ही चाहते हैं कि, एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था ऐसी हो जिसका फायदा सभी देशों को मिले, ना कि कोई ऐसी वैश्विक व्यवस्था हो जिसमें चीन का आधिपत्य हो। यह विवाद हमें चीन द्वारा उत्पन्न होने वाले खतरे की याद दिला रहे हैं।
एकजुट है एक जैसी सोच वाले कई देश :
अमेरिकी विदेश मंत्रालय में दक्षिण और पश्चिम एशिया विभाग की प्रमुख एलिस वेल्स ने बताया कि, आज चाइना की हरकतों ने ही सभी एक जैसी सोच रखने वाले देशों को एकजुट कर दिया है। इन देशों में चाहे फिर आसियान देश शामिल हों या कूटनीतिक संगठन। उन्होंने बताया अमेरिका, जापान, भारत एक ट्राइएंगल है और ऑस्ट्रेलिया देश भी हमारे साथ है। अब इन हालातों के चलते पूरी दुनिया में चाइना के चर्चे हो रहे हैं।
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