गुत्थी में उलझा अमेरिका, उड़ने वाली चीज धरती की है या आई दूसरे ग्रह से?

"एक दशक से भी अधिक समय से यह खोजी कार्यक्रम गुप्त रूप से चल रहा था। जो नौसेना खुफिया कार्यालय की निगरानी में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक खोज में रहस्यमय घटनाओं का खुलासा हुआ है।"
उड़ने वाली अस्पष्टीकृत चीजों का मामला सुर्खियों मेंं।
उड़ने वाली अस्पष्टीकृत चीजों का मामला सुर्खियों मेंं।Syed Dabeer Hussain – RE

हाइलाइट्स –

  • उड़ने वाली अस्पष्टीकृत चीजों का मामला

  • अमेरिकी नौसेना ने जारी किया है वीडियो

  • पेंटागन UFO यूनिट सार्वजनिक करेगी राज!

राज एक्सप्रेस। एक दशक से भी अधिक समय से यह खोजी कार्यक्रम गुप्त रूप से चल रहा था। जो नौसेना खुफिया कार्यालय की निगरानी में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक खोज में रहस्यमय घटनाओं का खुलासा हुआ है।

अस्पष्टीकृत चीजों का वीडियो -

अमेरिकी नौसेना ने पहले से चर्चा के केंद्र रहे रहस्मयी एयरक्राफ्ट्स संबंधी वीडियो को अब आधिकारिक तौर पर जारी किया है। वीडियो में अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स (UFO) यानी उड़ान भरती अस्पष्टीकृत चीजों को दिखाया गया है।

जब दिखा तो गूंजे ये शब्द -

[रेडियो प्रसारण] "वाह, मिल गया - वू-हू!" "रोजर -" "क्या... है?" "क्या आपने एक चलते टारगेट को लक्ष्य किया है?" "नहीं, मैंने एक ऑटो ट्रैक लिया।" "ओह ठीक।" “ओह मेरे भगवान, यार। वाह " "वह क्या है? "ये तो उसकी एक पूरी स्क्रीन है। हे भगवान।" "वे सभी हवा के खिलाफ जा रहे हैं। पश्चिम से हवा की रफ्तार 120 समुद्री मील है।" "अरे।" "वह नहीं है - क्या यह है?" "अश्रव्य]" "उस चीज को देखो!"

न्यूयॉर्क टाइम्स में जारी राल्फ ब्लूमेंथल और लेस्ली कीन ने अपने आर्टिकल से दुनिया का ध्यान कुछ अस्पष्ट घटनाओं और उनकी जांच की ओर खींचा है। पिछले कई सालों से यह जांच अमेरिका में गुप्त रूप से की जा रही है।

रहस्मय मुठभेड़ों पर स्टडी -

पेंटागन के बयानों के बावजूद अज्ञात उड़ान वस्तुओं (UFO) की जांच के लिए एक बार खोजी कार्यक्रम भंग तो हुआ था लेकिन गुप्त रूप से आगे भी प्रयास जारी रहे। नौसेना खुफिया दफ्तर के भीतर गुपचुप इस दिशा में काम चलता रहा।

जहां अधिकारियों ने सैन्य पायलटों और अज्ञात हवाई वाहनों के बीच हुई कुछ रहस्मय मुठभेड़ों का अध्ययन करना मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जारी रखा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पेंटागन के अधिकारी इस खास खोजी कार्यक्रम पर चर्चा नहीं करेंगे, जो वर्गीकृत नहीं है लेकिन वर्गीकृत मामलों से संबंधित जरूर है।

हालांकि फिर भी यह पिछले महीने एक सीनेट समिति की रिपोर्ट में दिखाई दिया, जो आने वाले वर्ष के लिए देश की खुफिया एजेंसियों पर खर्च को रेखांकित करता है।

रिपोर्ट में खुलासा –

जारी रिपोर्ट में उजागर किया गया है कि अज्ञात एरियल फेनोमेनन टास्क फोर्स का गठन अस्पष्टीकृत हवाई वाहनों के दिखने पर "वीडियो-चित्र संग्रह और रिपोर्टिंग के मानकीकरण के लिए था।"

साथ ही इस खोजी टीम को खुफिया प्राधिकरण अधिनियम के पारित होने के बाद 180 दिनों के भीतर जनता के समक्ष इसके कुछ निष्कर्षों की रिपोर्ट पेश करना था।

तलाश का आधार -

इस प्रयास में पूर्व सीनेट के बहुसंख्यक नेता हैरी रीड समेत सेवानिवृत्त अधिकारी शामिल हैं। जांच कार्यक्रम अन्य दुनिया के हवाई यानों की संभावनाओं की तलाश करेगा।

इसका मुख्य ध्यान इस बात की खोज पर है कि क्या कोई हमलावर या विशेष रूप से कोई संभावित विरोधी अप्रचलित विमानन प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है? और क्या इससे अमेरिका को खतरा हो सकता है?

रूबियो के मुताबिक -

फ्लोरिडा रिपब्लिकन के सीनेटर मार्को रुबियो इंटेलिजेंस पर आधारित सीनेट सिलेक्ट कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष हैं। रूबियो ने इस महीने मियामी में सीबीएस से संबद्ध कार्यक्रम में चर्चा की थी।

उन्होंने कहा कि; वो मुख्य रूप से अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर अज्ञात विमान की रिपोर्टों के बारे में चिंतित थे और यह सरकार के हित में था कि वह यह पता लगाए कि इसका कौन जिम्मेदार था।

चीन-रूस से चिंता -

उन्होंने चिंता जताई थी कि चीन या रूस या कुछ अन्य विरोधियों ने "कुछ तकनीकी छलांग" लगाई है। इस तकनीकी प्रगति से "उन्हें (विरोधियों) इस तरह की गतिविधि का संचालन करने में मदद मिल सकती है।"

रिपोर्ट्स के मुताबिक रुबियो ने कहा कि अमेरिकी ठिकानों (अमेरिकी शस्त्रागार में नहीं) पर कुछ अज्ञात हवाई वाहनों ने तकनीकी प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया।

लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि शायद इसके लिए एक पूरी तरह से उबाऊ स्पष्टीकरण है। लेकिन हमें इसका पता लगाने की जरूरत है।

NYT का खुलासा -

आपको पता हो साल 2017 में द न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) ने इस मामले से जुड़ी एक पूर्ववर्ती इकाई के अस्तित्व का खुलासा किया था। जिसे उन्नत एयरोस्पेस खतरा पहचान कार्यक्रम के तौर पर पहचाना जाता है।

रक्षा विभाग के अधिकारियों ने उस समय कहा था कि यूनिट और इसकी 22 मिलियन डॉलर की फंडिंग वर्ष 2012 के बाद खत्म हो गई थी।

हालांकि कार्यक्रम से जुड़े काम करने वाले कुछ लोगों ने कहा था कि यह खोज साल 2017 के बाद भी जारी थी। इन बयानों की बाद में रक्षा विभाग ने भी पुष्टि की थी।

बहुत कम खुलासा -

यह कार्यक्रम साल 2007 में डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के तहत शुरू किया गया था। खुफिया जानकारी के लिए इसका रक्षा सचिव के कार्यालय से संचालन किया गया। जो इस निरीक्षण के लिए उत्तरदायी था।

सीनेट बजट बिल में वर्णित है कि इसका खुफिया समुदाय के साथ समन्वय था। नौसेना खुफिया कार्यालय द्वारा इसका समन्वय रहेगा। उन वर्षों के दौरान यह कार्यकम कभी समाप्त नहीं हुआ। लेकिन साल 2017 के बाद के अभियानों के बारे में बहुत कम खुलासा किया गया।

पूर्व सैन्य खुफिया अधिकारी पेंटागन कार्यक्रम के पिछले निदेशक लुइस एलिजोंडो ने कार्यक्रम से 10 साल बाद साल 2017 में इस्तीफा दे दिया था। इन्होंने पुष्टि की कि; नई टास्कफोर्स का गठन उन्नत एयरोस्पेस कार्यक्रम के लिए हुआ।

"यह अब ज्यादा देर छाया में नहीं छिपेगा, इसमें एक नई पारदर्शिता होगी।"

- लुइस एलिजोंडो, खुफिया कार्यक्रम के पूर्व निदेशक

पेश नहीं किये भौतिक प्रमाण -

लुइस एलिजोंडो पूर्व सरकारी अधिकारियों और सुरक्षा मंजूरी वाले वैज्ञानिकों के एक छोटे समूह में से हैं। जो भौतिक प्रमाण पेश किए बिना कहते हैं कि वे आश्वस्त हैं कि अध्ययन के लिए प्राप्त सामग्रियां अनिर्धारित उत्पत्ति की वस्तुएं पृथ्वी पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थीं। साथ ही प्राप्त सामग्रियों का अध्ययन किया जा रहा है।

एक दशक की परंपरा -

एक दशक से अधिक समय से पेंटागन कार्यक्रम कांग्रेस प्रतिभागियों और एयरोस्पेस कंपनी के अधिकारियों और अन्य सरकारी अधिकारियों के लिए कार्यक्रम के प्रतिभागियों के साथ साक्षात्कार और अवर्गीकृत ब्रीफिंग दस्तावेजों के आधार पर वर्गीकृत ब्रीफिंग का आयोजन कर रहा है।

खगोलविदों का कहना है कि कुछ मामलों में अस्पष्टीकृत घटनाओं के लिए सांसारिक स्पष्टीकरण पाए गए हैं।

प्रयोगशाला जांच के नतीजे -

स्वतंत्र सत्यापन के लिए सार्वजनिक रूप से किसी क्रैश एयरक्राफ्ट को पेश नहीं किया गया है। धरती पर पुनः प्राप्त कुछ वस्तुओं जैसे कि असामान्य धातु के टुकड़े की बाद में प्रयोगशाला अध्ययनों में पहचान मानव निर्मित वस्तु के रूप में हुई।

इनकी राय जुदा -

हालांकि मामले में पेंटागन यूएफओ प्रोग्राम के साथ साल 2007 से सबकॉन्ट्रेक्टर और कंसल्टेंट बतौर जुड़े खगोल भौतिकीविद एरिक डब्ल्यू डेविस की राय कुछ अलग है।

वो कहते हैं कि कुछ मामलों में, सामग्रियों की जांच अब तक उनके स्रोत को निर्धारित करने में विफल रही है। ऐसे में इन वस्तुओँ ने निष्कर्ष निकालने के लिए प्रेरित किया, "हम इसे स्वयं नहीं बना सकते।"

साक्ष्यों का अभाव -

एनवायटी के लेख में उल्लेख है कि वर्गीकृत कार्यक्रमों पर चर्चा में अड़चनों और जानकारी की अस्पष्टता भी एक समस्या है। ब्रीफिंग में मसले को अवर्गीकृत स्लाइडों में उद्धृत किया गया।

चर्चा में ऐसे अधिकारियों को रखा है जिन्होंने बिना किसी कठिन साक्ष्य प्रस्तुत किए अपने विचार अध्ययन को साझा किया। समिति के सदस्यों ने इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए अनुरोधों का जवाब नहीं दिया।

राष्ट्रपति ट्रंप ने खींचा था ध्यान -

यूएफओ की ओर लोगों का ध्यान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयान के बाद आकृष्ट हुआ। जिन्होंने अपने बेटे डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर को जून में लिए गए एक साक्षात्कार में बताया कि वह रोजवेल के बारे में "बहुत दिलचस्प" बातें जानते थे।

गौरतलब है रोजवेल न्यू मैक्सिको का एक शहर है जो यूएफओ के अस्तित्व के बारे में अटकलों का केंद्र है।

रीड का मानना है -

"यह अधिक स्पष्ट किया जाना चाहिए कि क्या जाना गया है और क्या नहीं। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि भौतिक सामग्रियों या पुनर्प्राप्त चीजों की खोज के बारे में जानकारी सामने आए।"

गौरतलब है कि न्यूयॉर्क टाइम्स में इस मुद्दे पर खास पड़ताल समय-समय पर पेश की जाती रही है। पूर्व के लेखों में भी इस मुद्दे पर कई सवाल उठाए जाते रहे हैं।

चाहे मामला भौतिक साक्ष्यों से जुड़ा हो या फिर नियमानुसार सार्वजनिक रूप से इस जांच रिपोर्ट को नियत अवधि में जारी करने का, हर बार स्पेशल जांच पर जांच की मांग उठी है। इस बार भी मुद्दा सरगर्म है।

डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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