हाइलाइट्स
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्विस्ट
सीनेटर बर्नी सैंडर्स दौड़ से हुए अलग
सैंडर्स के हटने से बिडेन का रास्ता साफ
माना जा रहा था प्रबल डेमोक्रेटिक दावेदार
राज एक्सप्रेस। अमेरिका के कॉलेजिएट मतदाता क्षेत्र में दो चुनाव चक्रों में गदर मचाने वाले वरमोंट से स्व-घोषित लोकतांत्रिक समाजवादी बर्मी सैंडर्स साल 2020 के राष्ट्रपति पद चुनाव की दौड़ से बाहर हो गए हैं। खबरों के मुताबिक उन्होंने पार्टी के लिए डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ पार्टी उम्मीदवार के तौर पर जो बिडेन का बतौर उम्मीदवार नाम तय करने के लिए रास्ता खाली किया है।
कॉल में जताई मंशा :
सैंडर्स ने बुधवार को अपने अभियान कर्मचारियों से एक कॉल में इस बात की मंशा जाहिर की। आशा जताई जा रही है कि वे जल्द ही सार्वजनिक तौर पर इस बारे में भी घोषणा करेंगे। हालांकि इस बारे में फिलहाल रहस्य बना हुआ है कि वे कब इस बात का सार्वजनिक इजहार करते हैं। संभावना जताई जा रही है कि मौजूदा कोरोना वायरस महामारी संकट के कारण नाटकीय चुनाव कार्यक्रम चक्र को आगामी एक साल के लिए टाला जा सकता है।
प्राथमिक चुनाव स्थगित :
पार्टीलाइन उम्मीदवारों को चुनने के उद्देश्य से अधिकांश राज्यों ने प्राथमिक चुनावों को स्थगित कर दिया है। ऐसे में अब यह अनुमानित तौर पर स्पष्ट है कि दो प्रमुख उम्मीदवार कौन होंगे। हालांकि पार्टी सम्मेलन में औपचारिक रूप से उम्मीदवार के नाम के ऐलान के बारे में फिलहाल सिर्फ कयास लग रहे हैं। डेमोक्रेट्स ने अपना अधिवेशन जुलाई से अगस्त तक स्थगित कर दिया है। जबकि रिपब्लिकन ने संकेत दिया है कि वे अपने अगस्त सम्मेलन के साथ आगे बढ़ने का इरादा रखते हैं।
अजेय नेतृत्व पहचान :
चुनाव कार्य प्रक्रिया में कोरोनो वायरस की बाधा पहुंचने के पहले तक बिडेन ने चुनाव रेस में लगभग अजेय नेतृत्व स्थापित कर लिया है। दौड़ से बाहर होने वाले अधिकांश उम्मीदवारों ने बिडेन का समर्थन किया है। उम्मीद जताई जा रही है कि सैंडर्स भी यही करेंगे।
इंडिया कनेक्शन :
हालांकि सैंडर्स के कई भारतीय-अमेरिकी अनुयायी रहे हैं। विशेष रूप से वामपंथी विचारधारा वाले शिक्षाविद् और स्टूडेंट्स के बीच वे खासे लोकप्रिय हैं। जानकारों के मुताबिक यदि सैंडर्स आगे चलकर जो बिडेन के साथ सामंजस्य बिठाते हैं तो इससे दिल्ली के एक खास बुद्जीवि वर्ग को राहत मिलेगी! गौरतलब है भारत के घरेलू मुद्दों पर सैंडर्स की वाम-उदारवादी स्थिति ने नई दिल्ली को विचलित कर दिया था।
उम्रदराज उम्मीदवार :
14 जून 2020 को 78 साल के होने जा रहे 77 वर्षीय बिडेन अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में सबसे उम्रदराज डेमोक्रेटिक उम्मीदवार होंगे। फिलहाल मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप जो 73 साल के हैं 14 जून को 74 साल के हो जाएंगे। ऐसे में ये दोनों उम्रदराज उम्मीदवार अमेरिकी इतिहास में सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति के चुनाव का इतिहास रच सकते हैं।
बिडेन का ट्वीट :
इस बारे में जो बिडेन ने ट्वीट में बर्नी को अच्छा इंसान और अच्छा नेता बताया। साथ ही देश में बदलाव के लिए मोर्चा संभालने वाली बुलंद आवाज करार दिया। बिडेन ने राजनीतिक अभियान को आंदोलन का रूप देने के लिए बर्नी की तारीफ की।
बर्नी के पहले हटीं तुलसी :
आपको ज्ञात हो भारतीय मूल की ख्यात अमेरिकी सांसद तुलसी गबार्ड भी बर्नी के पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से बतौर प्रेसिडेंट उम्मीदवारी दौड़ से खुद का नाम वापस ले चुकी हैं। पिछले दिनों तुलसी ने जो बिडेन को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी।
फिलहाल अमेरिका की चुनाव प्रक्रिया में ताजा बदलावों को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल नवंबर में प्रस्तावित राष्ट्रपति पद चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी से जो बिडेन वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड को चुनौती देंगे। गौरतलब है अमेरिका में जारी प्राइमरी इलेक्शंस में डेमोक्रेटिक पार्टी के बिडेन और सैंडर्स के मध्य कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही थी।
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