72 साल की दुश्मनी भुलाकर इजराइल-यूएई बन गए दोस्त

"इस समझौते की खबरों पर कई देशों ने हैरानी जताई है जबकि फिलिस्तीन इस दोस्ती का पुरजोर विरोध कर रहा है।"
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने निभाई मध्यस्थ की भूमिका।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने निभाई मध्यस्थ की भूमिका।- Social Media

हाइलाइट्स –

  • इजराइल-यूएई में हुई दोस्ती

  • इजराइल का तीसरा अरब दोस्त

  • अमन की आस में ऐतिहासिक समझौता

राज एक्सप्रेस। दुनिया में नफरत, आपदा, हमलों की खबरों के बीच एक सुखद खबर सामने आई है। कट्टर दुश्मनी का पर्याय इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच गुरुवार को ऐतिहासिक शांति समझौते पर सहमति बन गई।

मध्यस्थ ट्रंप का ट्वीट -

अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्विटर के जरिये ये जानकारी साझा की। इस अहम समझौते की मध्यस्था भी ट्रम्प ने की। वीडियो में देखें -

गुरुवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और यूएई के प्रिंस शेख जायेद से चर्चा की थी। इस अहम समझौते के बाद इजराइल ने वेस्ट बैंक इलाके में बस्तियां बसाने की योजना को आगे बढ़ा दिया है।

फिलिस्तीन खफा! –

यूनाइटेड अरब एमिरेट्स (UAE) यानी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजराइल के मध्य हुआ शांति समझौता दुनिया के लिए कई मामलों में अहम है। इस समझौते की खबरों पर कई देशों ने हैरानी जताई है जबकि फिलिस्तीन इस समझौते का पुरजोर विरोध कर रहा है।

पहली बार खुलकर इजहार -

वैसे तो इजराइल और यूएई के बीच आपसी सहमति से पहले भी पारस्परिक संबंध कायम थे लेकिन यह पहली दफा है जब दोनों मुल्कों ने इस बारे में खुलकर इजहार किया हो।

कहा गया है कि इस समझौते के बाद इजराइल तनाव की जड़ वेस्ट बैंक इलाकों में बस्ती बसाने के फैसले से पीछे हट गया है। खाड़ी देशों और इजराइल में इस फैसले के बाद तनाव कम होने की राय विदेश नीति के जानकारों ने अपने ब्लॉग्स में दी है।

मात्र तीन अरब मित्र –

इजराइल का अपनी आजादी (1948) के बाद किसी अरब मुल्क के साथ हुआ यह मात्र तीसरा समझौता है। इजराइल ने इतने लंबे समय तक खाड़ी के मुल्कों से दूरी ही बनाकर रखी।

आपको ज्ञात हो कि इस समझौते के पहले इजराइल ने जॉर्डन और मिस्र के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया था। गौरतलब है कि पूरे 72 सालों की शत्रुता का अंत इस समझौते से हुआ है।

गोपनीय चर्चा के बाद हैरानी -

दोनों शत्रु मुल्कों के बीच दोस्ती का सेतु बने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पिछले कुछ महीनों से इस समझौते के लिए खासे चर्चारत थे।

गोपनीय रूप से जारी चर्चा का नतीजा जब ऐतिहासिक दोस्ती समझौते के रूप में आने की जानकारी ट्रंप ने ट्विटर अकाउंट से जारी की तो कई देशों को हैरानी हुई।

फोन पर चर्चा -

इजराइल और अरब देशों की दुश्मनी खत्म करने वाले ऐतिहासिक समझौते का ऐलान करने के पहले ट्रम्प ने इस सहमति को पुख्ता करने के लिए फोन के जरिये नेतन्याहू और शेख जायेद से समूह चर्चा की।

एजेंसी के मुताबिक अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने इस खास समझौते पर आगामी कुछ सप्‍ताह में वाइट हाउस में हस्‍ताक्षर होने की जानकारी दी है।

खुलेंगे दूतावास -

समझौते से साफ हो गया है कि अब दोनों दोस्त देशों में राजनयिक संबंधों की स्थापना के लिए दूतावास भी खुल जाएंगे।

अलग-थलग पड़ा ईरान –

इस समझौते से शिया बहुल देश ईरान अलग-थलग पड़ता दिख रहा है। ईरान के अरब और अमेरिका से राजनयिक संबंध तल्ख रहे हैं। इजराइल और ईरान के बीच कट्टर दुश्मनी के चलते ईरान परमाणु ताकत हासिल करने की कोशिश में है। हालांकि इस समझौते के बाद ईरान पर अमेरिका अब अपना दबाव बढ़ाने में भी कारगर हो सकता है।

टाला है छोड़ा नहीं! -

इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्‍याहू ने वेस्‍ट बैंक क्षेत्र के बारे में भी स्थिति साफ की है। उन्होंने कहा कि योजना को आगे बढ़ाया गया है और मामले में अमेरिका के साथ पूरा समन्‍वय जारी है। उन्‍होंने जुडेआ और समरिया के अधिकार नहीं छोड़ने की बात भी कही।

इजरायली पीएम ने कहा कि इजराइल कोरोना वैक्‍सीन बनाने में यूएई की मदद के अलावा ऊर्जा, पानी, पर्यावरण संरक्षण और कई अन्‍य क्षेत्रों में सहयोग करेगा।

एशिया और समझौता -

विदेश नीति के जानकारों का मानना है कि यूएई और इजरायल के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध के बाद एशियाई देशों के आपसी संबंधों पर भी असर पड़ेगा। फिलिस्तीन विवाद भी इसका एक हिस्सा होगा। समझौते के बाद यूएई में आर्थिक, सुरक्षा और विज्ञान के मोर्चे पर इजराइल की मदद से तरक्की हो सकती है।

इस समझौते से ईरान, चीन और पाकिस्तान सन्न है क्योंकि ईरान और पाकिस्तान ने साफ तौर पर इजरायल को कभी मान्यता नहीं दी। वहीं, चीन की परेशानी यह है कि पश्चिम एशियाई देशों में उसकी मजबूत होती पकड़ अब कमजोर पड़ जाएगी।

डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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