इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रमुख हाफिज साद हुसैन रिजवी को प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के साथ हुए एक गुप्त समझौते के बाद जेल से रिहा कर दिया गया है। रिजवी लाहौर के कोट लखपत जेल में बंद था।
टीएलपी के प्रवक्ता मुफ्ती आबिद ने इसकी पुष्टि करते हुए समाचार पत्र डॉन को बताया कि रिहा होने के बाद रिजवी पार्टी के मुख्यालय रहमतुल लील अलमीन मस्जिद पहुंचा, जहां पार्टी के सैकड़ों उत्साही कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उसका स्वागत किया। जेल अधीक्षक एजाज असगर ने भी इस रिपोर्ट की पुष्टि की।
गौरतलब है कि टीएलपी प्रमुख के पिता और समूह के संस्थापक खादिम हुसैन रिजवी की पुण्यतिथि के अवसर पर 20-21 नवंबर तक मस्जिद में उर्स का आयोजन किया जाएगा। पिछले हफ्ते सरकार ने टीएलपी प्रमुख साद रिजवी का नाम लाहौर की जिला खुफिया समिति की सिफारिश के बाद चौथी अनुसूची से हटा दिया था। इसमें आतंकवाद के संदिग्धों को आतंकवाद विरोधी अधिनियम, 1997 के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
पंजाब के गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया था, आतंकवाद विरोधी अधिनियम, 1997 (संशोधित) की धारा 11यू की उप-धारा (आई) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सरकार ने उक्त अधिनियम के प्रयोजन के लिए प्रतिबंधित संगठन के रूप में उक्त अधिनियम की पहली अनुसूची से तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान का नाम हटाया है। इसलिए अब हाफिज मुहम्मद साद के पुत्र खादिम हुसैन का नाम आतंकवाद विरोधी अधिनियम, 1997 की चौथी अनुसूची की सूची से तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाता है।
संगठन के प्रमुख साद रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर देश में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद दोनों पक्ष एक समझौते के निष्कर्ष पर पहुंचे, जिसके कुछ दिनों बाद पाकिस्तान सरकार ने 'राष्ट्रीय हित' में टीएलपी पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया।
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