क्या है तोशाखाना मामला
क्या है तोशाखाना मामलाSyed Dabeer Hussain - RE

जानिए क्या है तोशाखाना मामला? जिसके तहत कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं इमरान खान

पाकिस्तान में तोशाखाना एक सरकारी विभाग है। यहां दूसरे देशों की सरकारों, राष्ट्राध्यक्षों या मेहमानों के द्वारा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को दिए गए महंगे उपहारों को रखा जाता है।

राज एक्सप्रेस। इन दिनों पड़ोसी देश पाकिस्तान में आर्थिक ही नहीं बल्कि राजनीतिक संकट भी अपने चरम पर है। दरअसल रविवार को तोशाखाना मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस उनके घर पहुंची। हालांकि इमरान खान के घर पर नहीं होने के कारण उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। वहीं सोमवार को पाकिस्तान की अदालत ने इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट रद्द करने से इंकार कर दिया। ऐसे में इमरान खान को किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है।

तोशाखाना क्या है?

दरअसल पाकिस्तान में तोशाखाना एक सरकारी विभाग है। यहां दूसरे देशों की सरकारों, राष्ट्राध्यक्षों या मेहमानों के द्वारा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को दिए गए महंगे उपहारों को रखा जाता है। हालांकि अगर उपहार की कीमत 30 हजार से कम है तो उसे प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति अपने पास रख सकते हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति किसी महंगे उपहार को अपने पास रखना चाहते हैं तो उसे इसके लिए एक निर्धारित रकम चुकानी होती है।

तोशखाना मामला क्या है?

दरअसल साल 2018 में पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान खान को विदेशी मेहमानों की ओर से कई महंगे तोहफे दिए गए। इमरान खान ने इन महंगे तोहफों को तोशाखाना में जमा कराने के बजाय अपने पास रख लिया। कुछ उपहारों को तोशखाना में जमा करवाया भी तो उसे वापस सस्ते दामों में खरीदकर महंगे दामों में बेच दिया। खास बात यह है कि इमरान खान ने आयकर रिटर्न में इन गिफ्ट की बिक्री ही नहीं दिखाई। यही कारण है कि वह इस मामले में बुरी तरह से फंसते नजर आ रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इमरान खान को अपने कार्यकाल के दौरान विदेशी नेताओं से करीब 58 गिफ्ट मिले, जिनकी कीमत 14 करोड़ रूपए है।

रद्द हो चुकी है संसद सदस्यता :

बता दें कि जिस तोशाखाना मामले में इमरान खान पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है, उस मामले में उनकी संसद सदस्यता भी रद्द हो चुकी है। चुनाव आयोग ने इस मामले में इमरान खान की सदस्यता रद्द करने के साथ-साथ उनके 5 साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी थी। हालांकि बाद में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान खान को राहत देते हुए उनके चुनाव लड़ने पर लगी रोक को हटा दिया था।

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