तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने शी जिनपिंग
तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने शी जिनपिंगSyed Dabeer Hussain - RE

तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने शी जिनपिंग, जानिए चीन में कैसे होता है राष्ट्रपति का चुनाव?

चीन में सिंगल पार्टी रूल है। यानि वहां भारत की तरह अलग-अलग राजनीतिक पार्टियां शासन में नहीं आती हैं। वहां सिर्फ एक ही पार्टी यानी कम्युनिस्ट पार्टी का राज है।

China Presidential Election : बीते दिनों शी जिनपिंग को लगातार तीसरी बार चीन का राष्ट्रपति चुना गया। नेशनल पीपल्स कांग्रेस की 14वीं बैठक में शी जिनपिंग के नाम पर मुहर लगाई गई। शी जिनपिंग चीन के पहले ऐसे नेता हैं, जो लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति चुने गए हैं। वह पहली बार साल 2013 में चीन के राष्ट्रपति बने थे। इसके बाद साल 2018 में वे दोबारा चुने गए थे। तो चलिए जानते हैं कि आखिर चीन में राष्ट्रपति का चुनाव कैसे किया जाता है।

महासचिव का होता है चुनाव :

दरअसल चीन में सिंगल पार्टी रूल है। यानि वहां भारत की तरह अलग-अलग राजनीतिक पार्टियां शासन में नहीं आती हैं। वहां सिर्फ एक ही पार्टी यानि कम्युनिस्ट पार्टी का राज है। कम्युनिस्ट पार्टी के नेता ही सरकार में होते हैं। हर पांच साल में चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक होती है। इस बैठक में कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव को चुना जाता है। यही महासचिव चीन का राष्ट्रपति बनता है।

नाम के लिए होता है चुनाव :

ऐसा नहीं है कि चीन में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं होता है। दरअसल राष्ट्रपति चुनने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना देशभर से 2300 प्रतिनिधियों की नियुक्ति करती है। इसके बाद सेंट्रल कमेटी का चुनाव होता है, जिसमें 200 सदस्य होते हैं। सेंट्रल कमेटी 25 सदस्यों वाली पोलित ब्यूरो का चुनाव करती है और पोलित ब्यूरो 7 सदस्यों वाली स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों को चुनती है। इसके बाद सेंट्रल कमेटी के सदस्य पार्टी के शीर्ष नेता का चुनाव करते हैं। हालांकि यह चुनाव सिर्फ दिखावे के लिए होता है। असल में पार्टी का महासचिव कौन होगा, यह पहले से तय होता है।

जीवनभर राष्ट्रपति रहेंगे जिनपिंग :

बता दें कि पहले चीन में नियम था कि कोई भी शख्स सिर्फ दो बार चीन का राष्ट्रपति बन सकता है। लेकिन पिछले साल चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने उस नियम को ही खत्म कर दिया। यही कारण है कि जिनपिंग तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने हैं। इस बदलाव के चलते अब जिनपिंग के आजीवन चीन के राष्ट्रपति पद पर बने रहने का रास्ता भी साफ हो गया है। इसका कारण यह है कि जिंगपिंग इस समय कम्युनिस्ट पार्टी में सबसे ताकतवर शख्स हैं और आने वाले सालों में उनको किसी से चुनौती मिलने की उम्मीद बेहद कम है।

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