CPEC के बहाने चीन की अपने दोस्‍त पाक के साथ चालाकी-इमरान की बढ़ी आफत

चीन का चौंकाने वाला बड़ा खुलासा आया सामने, चीनी उद्योगपतियों ने पाकिस्तान में CPEC प्रोजेक्ट के बहाने बड़े घोटाले को अंजाम देकर पाक को 630 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान पहुंचाया।
CPEC के बहाने चीन की अपने दोस्‍त पाक के साथ चालाकी-इमरान की बढ़ी आफत
CPEC के बहाने चीन की अपने दोस्‍त पाक के साथ चालाकी-इमरान की बढ़ी आफतSocial Media

राज एक्‍सप्रेस। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की महामरी फैलाने वाला देश चीन कदम-कदम पर कुछ न कुछ चालबाजी कर ही रहा है और इस बार चाइना ने अपने दोस्‍त पाकिस्‍तान के साथ ही चालाकी की है, जिससे ये साफ होता है कि, चीन भरोसा करने लायक नहीं है।

दरअसल, इस बार चाइना द्वारा ये चालाकी की गई है कि, चीन के उद्योगपतियों ने चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) प्रोजेक्ट के बहाने बड़े घोटाले को अंजाम देकर पाकिस्तान को 630 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 4770 करोड़ रुपये) का नुकसान पहुंचाया है। वैसे पाकिस्‍तान पहले से ही कर्ज में डूबा हुआ है और इसी बीच चीन ने पाक की आफत ओर बढ़ा दी है।

घोटाले ने चीन की ये कंपनियां शामिल :

चीन ने पाकिस्तान में इस घोटाले को अंजाम देने में 2 कंपनियां 'चीनी बिजली उत्पादक हुआनेंग शेडोंग रुई ऊर्जा (HSR) और पोर्ट कासिम इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड' का भी सहारा लिया गया है, ये कंपनियां CPEC बिजली परियोजनाओं से जुड़ी हुई है और इन कंपनियों पर मानक प्रक्रिया के उल्लंघन के भी आरोप हैं। बताया गया है कि, दोनों चीनी प्लांट्स ने ज्यादा मुनाफे के लिए लागत कीमत भी ज्यादा दिखाई है, वे 50-70% तक का वार्षिक लाभ कमाते थे, यह लागत पाकिस्तान के कंज्यूमर (उपभोक्ताओं) से निकाली जाती थी।

कैसे हुआ घोटाले का खुुलासा :

इस बड़े घोटाले को लेकर खुलासा तब हुआ जब कराची के लोग 17.69 पाकिस्तान रुपये प्रति यूनिट बिजली का भुगतान कर रहे हैं, इसी दौरान पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बिजली की बढ़ती लागत के कारणों का पता लगाने के प्रयास से जांच के आदेश देने का कदम उठाया। इसके बाद जब जांच की 278 पेज की एक रिपोर्ट सामने आई तब चीन के इस बिजली घोटाले का खुलासा हुआ।

पाक सेना के CPEC से घनिष्ठ रिश्‍ते :

रिपोर्ट के मुताबिक, ड्रैगन पाकिस्तान में बिजली चोरी कर रहा है और चीन के साथ बिल की जांच में इस्लामाबाद को झटका लगा है। हालांकि, पाकिस्तानी की सेना के CPEC के साथ घनिष्ठ रिश्‍ते हैं, तो इसके कारण PM इमरान खान फिलहाल इस मामले को लेकर कुछ नहीं कर सकते हैं।

जानकारी के बताते चले कि, चाइना पाकिस्तान में CPEC प्रोजेक्ट के नाम पर एक बड़ा निवेश कर रहा है। इसके अलावा रिटायर पाकिस्तानी लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा CPEC प्राधिकरण की अध्यक्षता करते हैं तथा पाकिस्‍तान PM इमरान खान की चीनी कंपनियों पर एक्शन लेने की हिम्मत नहीं करेंगे। बाजवा सूचना और प्रसारण पर प्रधानमंत्री के असिस्टेंट भी हैं यानी वह इस बात का भी ध्यान रखेंगे कि इमरान खान इस घोटाले को सार्वजनिक तौर पर संबोधित न करें।

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