दक्षिण अफ्रीका में नस्लभेद के खिलाफ आजीवन संघर्षरत रहे डेसमंड टूटू का निधन

दक्षिण अफ्रीका में नस्लभेद (रंगभेद) के खिलाफ संघर्ष में अहम भूमिका निभाने वाले और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आर्कबिशप डेसमंड टूटू का केपटाउन में निधन हो गया वह 90 वर्ष के थे।
दक्षिण अफ्रीका में नस्लभेद के खिलाफ आजीवन संघर्षरत रहे डेसमंड टूटू का निधन
दक्षिण अफ्रीका में नस्लभेद के खिलाफ आजीवन संघर्षरत रहे डेसमंड टूटू का निधनSocial Media

केपटाउन। दक्षिण अफ्रीका में नस्लभेद (रंगभेद) के खिलाफ संघर्ष में अहम भूमिका निभाने वाले और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आर्कबिशप डेसमंड टूटू का केपटाउन में निधन हो गया वह 90 वर्ष के थे। सत्य और सुलह आयोग की अध्यक्षता करने वाले श्री टूटू का यहां केप टाउन में निधन हो गया। राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने श्री टूटू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह दृढ़ बने रहे और दक्षिण अफ्रीका में नस्लभेद के खिलाफ दशकों तक संघर्ष करते रहे। उनके निधन से एक अध्याय समाप्त हो गया।

राष्ट्रपति रामफोसा ने श्री टूटू की पत्नी लिआह और उनके परिवार के साथ-साथ डेसमंड और लिआ टूटू लिगेसी फाउंडेशन, द एल्डर्स और नोबेल पुरस्कार विजेता समूह के बोर्ड और कर्मचारियों और राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर टूटू के दोस्तों और सहयोगियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने लिखा, ''आर्कबिशप डेसमंड टूटू का निधन होने से दक्षिण अफ्रिकियों की एक पीढ़ी का अध्याय समाप्त हो गया। जिन्होंने मुक्त दक्षिण अफ्रीका का निर्माण किया है। डेसमंड टूटू एक बेजोड़ देशभक्त, सैद्धांतिक और व्यवहारिक नेता थे, जिन्होंने बाइबल की उस भावना को एक अर्थ दिया है कि बिना काम का कोई धर्म नहीं होता है।"

राष्ट्रपति ने कहा, ''श्री टूटू एक बेहद समझदार, ईमानदार और अजेयता शख्स थे, लेकिन साथ ही वह बेहद नरम स्वभाव के भी थे। जिन्होंने रंगभेद के तहत उत्पीड़न, अन्याय और हिंसा का सामना किया था।" श्री टू्टू नस्लवादी रंगभेद शासन के खिलाफ टूटू हमेशा मुखर रहे थे। वे कभी भी अन्याय का सामना करने से नहीं कतराते थे। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लिए रेनबो नेशन शब्द गढ़ा था जब नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने थे। श्री टू्टू ने हमें एक मुक्त दक्षिण अफ्रीका दिया है। उनको दक्षिण अफ्रीका में श्वेत अल्पसंख्यकों के शासन का मुकाबला करने के लिए 1984 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था।

मोदी ने डेसमंड टूटू के निधन पर शोक जताया :

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोबेल पुरस्कार विजेता आर्कबिशप डेसमंड टूटू के निधन पर शोक जताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। श्री मोदी ने ट्वीट किया , ''आर्कबिशप डेसमंड टूटू विश्व स्तर पर अनगिनत लोगों के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश स्तंभ की तरह थे। मानवीय गरिमा और समानता पर उनके जोश को हमेशा याद किया जाएगा। मैं उनके निधन से बेहद दुखी हूँ और उनके सभी प्रशंसकों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूँ। भगवान उसकी आत्मा को शांति दे।"

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