अफगानिस्तान में बच्चों को काम पर भेजने पर मजबूर हुए परिवार
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अफगानिस्तान में बच्चों को काम पर भेजने पर मजबूर हुए परिवार

मानवीय संगठन 'सेव द चिल्ड्रन' ने कहा है कि अफगानिस्तान में हर पांचवां परिवार अगस्त से हो रही अपनी आय में कटौती को देखते हुए अपने बच्चों को काम पर भेजने पर मजबूर हो गया है।

काबुल। मानवीय संगठन 'सेव द चिल्ड्रन' ने कहा है कि अफगानिस्तान में हर पांचवां परिवार अगस्त से हो रही अपनी आय में कटौती को देखते हुए अपने बच्चों को काम पर भेजने पर मजबूर हो गया है। संगठन ने कहा, ''अफगानिस्तान में हर पांचवां परिवार अपने बच्चों को घर से बाहर काम पर भेजने के लिए मजबूर हो गया है, क्योंकि पिछले छह महीनों में लोगों की आय में लगातार कमी आई है और अनुमानित दस लाख बच्चे अब बाल श्रम में लगे हुए हैं।"

संस्था ने कहा कि उसने अगस्त के मध्य में तालिबान के सत्ता में आने के बाद सात प्रांतों के 1,409 घरों का सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है कि पूर्ववर्ती सरकार के पतन के बाद देश में 82 प्रतिशत अफगानों की आय में कमी आई है, जबकि एक तिहाई उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्होंने अपनी आय के सभी श्रोत खो दिए और एक चौथाई ने कहा कि उनकी आमदनी आधी से भी कम हो गई है। अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद से हुई कीमतों में बढ़ोतरी के कारण कई अफगानों को भोजन पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

सर्वेक्षण में 36 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे बाजार से उधार सामान खरीद रहे हैं, जबकि 39 प्रतिशत लोग अपने से बेहतर परिवारों से उधार ले रहे हैं। वहीं, 7.5 प्रतिशत लोगों को जिन्दा रहने के लिए भीख मांगनी पड़ी।

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