राज एक्सप्रेस। पहली बार फ्रांस ने दूसरे देशों के ऊपर सीधे टिप्पणी करते हुए कहा है कि, ऑस्ट्रेलिया, यूएस और यूके ने उनके साथ विश्वासघात करके उनकी पीठ में छुरा घोपा है।
फ्रांस विदेश मंत्री का बयान :
फ्रांस के विदेश मंत्री श्री जीन यवेस ले ड्रियन (Jean Yves Le Drian) ने कहा "पहले तो जो बाइडन (Joe Biden) ने हमारी डिफेन्स डील डुबा दी ऑस्ट्रेलिया के साथ और ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस का पूरा भरोसा तोड़ दिया है और ऑस्ट्रेलिया ने हमारी पीठ पर छुरा घोपा है। मैं बहुत क्रोधित हूँ, बहुत कड़वा महसूस कर रहा हूँ। जो ऑस्ट्रेलिया और यूएस ने हमारे साथ किया है, वैसे एलाइस एक दूसरे के साथ नहीं-नहीं करते हैं। ऑस्ट्रेलिया ने हमारा विश्वास मत खो दिया है।"
डिफेंस डील से जुड़ा हुआ है मामला :
2016 में, ऑस्ट्रेलिया की सरकार, फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप के पास गई और अनुरोध किया कि, हमारे लिए 12 बड़ी और सभी सुविधाओं युक्त सबमरीन बना दो। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया उस समय लगभग 78 बिलियन डॉलर भी खर्च करने के लिए तैयार था।
फ्रांस ने सबमरीन बनाने के लिए मांगा था लंबा समय :
फ्रांस बहुत ही विकसित और शाक्तिशाली देशों में से एक है। साथ ही फ्रांस डिफेंस के लिए कई प्रकार के हथियार, ड्रोन, मिसाइल, फाइटर जेट, सबमरीन बनाता है। इसी के चलते फ्रांस की यह (नेवल ग्रुप) कंपनी अपने कई प्रोजेक्ट्स में व्यस्त रहती है इसलिए इन्होंने ऑस्ट्रेलिया से कहा कि, हम सबमरीन बना देंगे लेकिन इसकी डिलीवरी लगभग 2030 के बाद ही शुरू हो पाएगी।
फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप ने कई मिलियन डॉलर ऑस्ट्रेलिया पर खर्च कर दिए :
फ्रांस की नेवल कंपनी 2016 के बाद से ही लगातार ऑस्ट्रेलिया जा जाकर ऑस्ट्रेलिया की सरकार को सबमरीन तकनीकी के विषय में बताती थी, प्रेजेंटेशन देती थी। सबमरीन रिप्रेजेंटेशन करने में फ्रांस की इस कंपनी के कई मिलियन डॉलर भी खर्च हो गए। क्योंकि यह प्रोजेक्ट अगर इस कंपनी को मिलता तो लगभग उन्होंने 78 बिलियन डॉलर की डील मिलती।
अचानक आ गए यूएस और यूके :
यूएस और यूके ने ऑस्ट्रेलिया को 2030 से पहले सबमरीन डिलीवर करने का भरोसा दिया और कहा कि जल्द से जल्द वो नई तकनीक की सबमरीन बना कर उन्हें जल्द से जल्द डिलीवर कर देंगे।
ऑस्ट्रेलिया, यूएस और यूके के बीच हुई लगभग 90 बिलियन डॉलर डील :
इस सुरक्षा सौदे में लगभग 90 बिलियन डॉलर की डील हुई है। जैसे ही यह बात फ्रांस तक पहुंची तो फ्रांस के मंत्री का कड़वा बयान आ गया।
भारत पर असर :
फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया की डील रद्द होने की वजह से भारत को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा ही मिलेगा क्योंकि अब भारत फ्रांस के लिए बहुत महत्वपूर्ण देश बन जायेगा। क्योंकि बड़े देशों में एक भारत ही ऐसा है जो फ्रांस के साथ सुरक्षा सौदे में बड़ी डील करें।
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