चीन में मुस्लिम नागरिकों को डिटेंशन कैंपों में भेजा जा रहा हैं

भारत के पड़ोसी देश चीन के शिनजियांग प्रांत में में लगातार मुस्लिम नागरिकों को हिंसा के बलबूते जबरन उनके परिवार से दूर डिटेंशन कैंपों में भेजा जा रहा है। जानिए क्या हैं कारण...
चीन में मुस्लिम नागरिकों को डिटेंशन कैंपों में भेजा जा रहा हैं
चीन में मुस्लिम नागरिकों को डिटेंशन कैंपों में भेजा जा रहा हैं PETER PARKS

राज एक्सप्रेस। चीन के शिनजियांग प्रांत की सरकार की ओर से जारी एक दस्तावेज के मुताबिक सूबे के 800 से ज्यादा इलाकों में एक या दो ऐसे स्कूल खोलने की योजना तैयार की है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि ऐसे स्कूलों को गरीब बच्चों के लिए तैयार किया गया है, जिनके परिजन सुदूर इलाकों में काम करते हैं और उनकी देखभाल नहीं कर सकते। हालांकि 2017 के एक दस्तावेज के मुताबिक सरकार चाहती है कि बच्चों को उनकी फैमिली से दूर रखा जाए ताकि उन पर परिवार का प्रभाव न रहे।

'काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन से भागने में कामयाब रहे कुछ मुस्लिमों का कहना है कि उन्हें जबरन इस्लाम का त्याग करने के लिए मजबूर किया गया और चीन की सत्तारूढ़ पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादार रहने की प्रतिज्ञा दिलवाई गई। पश्चिमी देश अक्सर चीन के 10 लाख मुस्लिमों को शिनजियांग प्रांत में कैद में रखने और उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित करने का आरोप लगाते रहते हैं। शुरुआत में चीन इन कैंपों के होने की बात को ही खारिज करता रहा लेकिन बाद में उसने इन्हें धार्मिक अतिवाद और आतंकवाद से लड़ने के लिए बनाए गए प्रशिक्षण केंद्र का नाम दे दिया।

इसी बीच अब चीन ने एक और निर्णय लिया जिसमें वह कुरान, बाइबल सहित उन धर्म ग्रंथों को अपने हिसाब से लिखेगा जो की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के विश्वासों के खिलाफ जाती हो। पार्टी के एक अधिकारी ने बताया कि, उनमें या तो बदलाव किया जाएगा या फिर उनका फिर से अनुवाद करवाया जाएगा। मुस्लिमों के हितैषी बनने वाले देश पाकिस्तान ने भी चीन के इस रवैये पर चुप्पी साध ली है। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान भी चीन के उइगर मुस्लिमों के बारे में अनजान ही बने रहना चाहते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।

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