NATO बॉर्डर पास रूस ने तैनात किए 11 न्यूक्लियर बॉम्बर जेट
NATO बॉर्डर पास रूस ने तैनात किए 11 न्यूक्लियर बॉम्बर जेटSocial Media

रूस की तरफ से युद्ध का अंत या तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी ? सैटेलाइट की तस्वीर बढ़ा रही दुनिया की चिंता

एक बार फिर ऐसा लग रहा है कि, रूस या तो युद्ध खत्म करन चाहता है या फिर तीसरा विश्व युद्ध करना चाहता है। ऐसा इसलिए लग रहा है क्योंकि, रूस अब नाटो (NATO) देशों के खिलाफ कमर कसता हुआ नज़र आ रहा है।

Russia and Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच पिछले सात महीनों से लगातार जंग जारी है। इसी दौरान रूस कई बार यूक्रेन के कई हिस्सों पर कब्ज़ा करने का दावा कर चुका है। हालांकि, बीच में ऐसा लग रहा था कि, शायद इस युद्ध का अंत जल्द ही हो जाएगा। क्योंकि, दोनों देश समझौता करने को तैयार होते नज़र आ रहे थे। वहीं, अब एक बार फिर ऐसा लगने लगा है कि, रूस (Russia) इस युद्ध को खत्म करन चाहता है। हालांकि, यह अब तक यह एक बड़ा प्रश्न ही है। जिसका उत्तर सिर्फ व्लादिमीर पुतिन ही दे सकतें हैं। फिलहाल ऐसा इसलिए लग रहा है क्योंकि, रूस अब नाटो (NATO) देशों के खिलाफ कमर कसता हुआ नज़र आ रहा है। इससे ऐसा लग रहा है रूस या तो युद्ध खत्म करन चाहता है या फिर तीसरा विश्व युद्ध करना चाहता है।

रूस की तैयारी देख हो रहा तीसरे विश्व युद्ध का आभास :

दरअसल, रूस (Russia) ने अब नाटो की सीमा के पास 11 न्यूक्लियर बॉम्बर जेट (Russia Nuclear Attack Plane) तैनात कर दिए है। जो कि, नाटो की सीमा के पास परमाणु बम गिराने में सक्षम है। रूस की ये तैयारी सैटेलाइट की तस्वीर में नज़र आई आई है। इन तस्वीरों में देखा गया है कि, नाटो देश नार्वे की सीमा के करीब रूस के कई न्यूक्लियर बॉम्बर जेट रेडी हालत में तैनात हैं। जबकि, इससे पहले तक इस तरह की तैनाती रूस के अंदरुनी इलाकों में की जाती रही है। इस सैटेलाइट की तस्वीर सामने आने से दुनिया में डर बढ़ गया है। क्योंकि, रूस इस तरह का कदम उठा सकता है। यदि रूस ने जंग छेड़ दी तो यह तीसरा विश्व युद्ध कहलाएगा।

नाटो देशों की सिमा पर तैनात न्यूक्लियर बॉम्बर :

अमेरिकी सैटेलाइट ऑपरेटर प्लैनेट लैब्स द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 'नार्वे की सीमा के पास कोल्स्की प्रायद्वीप पर बने रूस के एयरबेस ओलेन्या पर TU-160 श्रेणी के 7 और TU-135 श्रेणी के 4 विमान खड़े दिखाई दे रहे हैं। इन दोनों को ही रूस का खास रणनीतिक विमान माना जाता हैं। यह रणनीतिक विमान दुश्मन के इलाके में जाकर परमाणु बम गिराने में सक्षम है। इसकी खासियत यह है कि, इस TU-160 विमान में एक बार फ्यूल भरकर 2 मैक की सुपर स्पीड से 7500 मील की नॉन स्टॉप उड़ान भरी जा सकती है। इसका आकार इतना बड़ा होता है कि, इसे रूस का सबसे बड़ा बमवर्षक विमान माना जाता है। यह एक बार में छोटी दूरी की 12 परमाणु मिसाइलों को ले जाने में सक्षम होता है।

TU-135 की खासियत :

यदि हम TU-135 के आकार की बात करें तो यह थोड़ा छोटा होता है, लेकिन वह भी दुश्मन के इलाके में घुसकर परमाणु बम गिराने में सक्षम है। इसकी एक खसियत यह भी है कि, यह जितनी तेजी से जाता है उतनी ही तेज स्पीड से वापस लौट भी आता है। अमेरिकी लैब द्वारा बताया गया है कि, सैटेलाइट से यह तस्वीरें 7 अक्टूबर को ली गई थी और इन तस्वीरों में परमाणु बमवर्षक विमान रनवे पर उड़ान भरने के लिए तैयार दिखे।

इजराइल की एक खुफिया फर्म का दावा :

बताते चलें, यह खबर और भी ज्यादा पक्की इसलिए मानी जा रही है क्योंकि,हाल ही में इजराइल की एक खुफिया फर्म द्वारा भी फिनलैंड की सीमा के पास बने रूस (Russia) के एक एयरबेस पर न्यूक्लियर बॉम्बर्स के तैनात होने का पता लगा कर जानकारी दी थी। इजराइल की इस खुफिया फर्म ने सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर दावा किया था कि, 'एयरबेस पर TU-160 और TU-135 विमान तैनात किए गए है। साथ ही यूक्रेन के बॉर्डर के पास एंगेल्स एयरबेस पर भी रूस की वायुसेना की चहलकदमी बढ़ती देखी गई है।

रक्षा विशेषज्ञों का कहना :

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि, 'नाटो देशों से सटे रूस के एयरबेसों पर परमाणु बमवर्षकों की तैनाती पश्चिमी देशों के लिए रूस की सीधी चेतावनी है। इसके जरिए रूस अपने विरोधी अमेरिका समेत बाकी पश्चिमी देशों को खुली चेतावनी दे रहा है।'

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