रूस, दुनिया। भारत में नेताओं के राजनितिक दौरे होना बहुत आम बात है। हालांकि, जब भी किसी देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री भारत दौरे पर आते हैं। तो उनकी यात्रा कुछ दिनों पहले से काफी चर्चा रहती है। वहीं, इन दिनों रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का जल्द होने वाला भारत दौरा चर्चा में है। खबर है कि, रूस के राष्ट्रपति पुतिन 6 दिसंबर को आधिकारिक दौरे के लिए भारत पहुंचेंगे। इस मामले में जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दी है।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरा :
दरअसल, इस साल में कई देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या कोई अन्य नेता भारत दौरे पर आए हैं। इसी कड़ी में अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अब भारत आने की तैयारी में है। वह 6 दिसंबर 2021 को आधिकारिक दौरे के लिए भारत आएंगे इस बारे में जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया है कि,
'रुसी राष्ट्रपति पुतिन 21वें भारत-रूस सालाना समिट में हिस्सा लेने के लिए भारत आरहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समिट का हिस्सा रहेंगे। दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच विशेष कूटनीतिक साझेदारी और रिश्तों की बेहतरी को लेकर चर्चा होगी। इसके अलावा वे G20 से लेकर BRICS और शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) से लेकर अंतरराष्ट्रीय एजेंडे के तहत किए गए साझा कार्यों की समीक्षा भी करेंगे।'
अरिंदम बागची, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता
विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी :
विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, '6 दिसंबर को रूस के राष्ट्रपति पुतिन के भारत पहुंचने के बाद उसी दिन भारत और रूस के विदेश-रक्षा मंत्रियों के बीच दिल्ली में पहली बार 2+2 वार्ता की जाएंगी।' इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु के भी शामिल होने की खबर है। बता दें, 6 दिसंबर को राष्ट्रपति पुतिन के भारत पहुंचने से पहले ही 5 दिसंबर को रूस के दोनों बड़े नेता भारत पहुंच चुके होंगे।
भारत में रूसी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा :
बता दें, इससे पहले भारत में रूसी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा था कि, 'दोनों देशों के मंत्री एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और अफगानिस्तान-सीरिया के घटनाक्रम सहित प्रमुख क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर गहन चर्चा करेंगे। मौजूदा समय में रूस हिंद-प्रशांत को एशिया-प्रशांत ही कहता है। दोनों पक्षों के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और रूस-भारत-चीन (आरआईसी) त्रिपक्षीय बैठक में भी विचारों का आदान-प्रदान करने की उम्मीद है। भविष्य में, रूस और भारत के बीच वैकल्पिक तौर पर समय- समय पर इस प्रारूप में वार्ता आयोजित करने का इरादा है।'
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