डोकलाम के बाद लद्दाख LAC पर भारत-चीन सैनिकों में तनाव बढ़ने की आशंका
राज एक्सप्रेस। वैश्विक कोरोना वायरस की महामारी के दौर में वर्तमान में चीन और भारत दोनों देशों के सैनिकों के बीच चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास कई क्षेत्रों में तनाव की स्थिति बरकरार है।
उच्च पदस्थ सैन्य सूत्रों का कहना है कि, भारत ने पैंगोंग त्सो और गलवान घाटी में अपनी स्थिति मजबूत की है, इन दोनों विवादित क्षेत्रों में चीनी सेना ने अपने दो से ढाई हजार सैनिकों की तैनाती की है और वह धीरे-धीरे अस्थायी निर्माण को मजबूत कर रही है। इतना ही नहीं एक उच्च सैन्य अधिकारी द्वारा ये बात भी सामने आई है कि, ”क्षेत्र में भारतीय सेना चीन से कहीं ज्यादा बेहतर स्थिति में हैं।”
क्या दोनों देशों में युद्ध जैसे हालात ?
दोनों देशों के बीच तनाव कम होता बिल्कुल नजर नहीं आ रहा, ऐसे तनाव को देखते ही सवाल उठने लगे है कि, क्या दोनों देशों युद्ध जैसे हालात बन रहे हैं? क्या वर्ष 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद एक बार फिर से यह सबसे बड़ी सैन्य तनातनी का रूप ले सकती है? वहीं, सूत्रों का मानना ये है कि, पैंगोंग त्सो, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में दोनों देश की सेनाओं के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए राजनयिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा का कहना :
सेना की उत्तरी कमान के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा ने कहा, “यह गंभीर मामला है, यह सामान्य तौर पर किया गया अतिक्रमण नहीं है। विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि गलवान क्षेत्र पर दोनों पक्षों में कोई विवाद नहीं है, इसलिए चीन द्वारा यहां अतिक्रमण किया जाना चिंता की बात है।”
इसके अलावा रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ एवं चीन में भारत के राजदूत रह चुके अशोक कांत द्वारा लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा से सहमति जताते हुए अपनी प्रतिक्रिया में कहा- चीनी सैनिकों ने कई बार घुसपैठ की गई है, यह चिंता की बात है। यह सामान्य टकराव नहीं है, यह परेशान करने वाला मामला है।
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