US: राष्ट्रपति बनते ही बाइडेन का भारत को पहला तोहफा-भारतीयों के खिले चेहरे

अमेरिका में जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनते ही भारत के लिए अच्छी खबर सामने आई है कि, बाइडेन 5 लाख से अधिक भारतीयों को अमेरिका की नागरिकता प्रदान करने का रोडमैप तैयार करेंगे।
US: राष्ट्रपति बनते ही बाइडेन का भारत को पहला तोहफा-भारतीयों के खिले चेहरे
US: राष्ट्रपति बनते ही बाइडेन का भारत को पहला तोहफा-भारतीयों के खिले चेहरेSocial Media

अमेरिका। अमेरिका में पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रम्‍प के कार्यकाल के दौरान भारत और अमेरिका के रिश्‍तों में मधुरता देखी गई, लेकिन अब वर्ष 2020 में हुए अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन ने ट्रम्‍प को हराकार इस पद की कमान अपने हाथ में ले ली एवं अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बने है। अमेरिका के राष्ट्रपति बनते ही जो बाइडेन ने भारत को तोहफा दिया है और भारत के लिए आई ये अच्छी खबर है।

अमेरिका में भारतीयों के खिले चेहरे :

अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडे द्वारा भारत को दिए इस तोहफे के बाद अमेरिका में भारतीयों के चेहरे खिल गए हैं यानी वे खुश हैं, क्‍योंकि जो बाइडेन 5 लाख भारतीयों समेत लगभग 1 करोड़ 10 लाख ऐसे आप्रवासियों को अमेरिकी नागरिकता प्रदान करने का रोडमैप तैयार करेंगे, जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति निर्वाचित होने वाले जो बाइडन के चुनावी अभियान के दस्तावेज के अनुसार, ''बाइडन तुरंत संसद के साथ काम करना शुरू कर देंगे ताकि आव्रजन सुधार संबंधी कानून पारित किया जा सके। इसके तहत 1.1 करोड़ ऐसे अप्रवासियों को नागरिकता का रोडमैप तैयार किया जाएगा, जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं। इसमें भारत के पांच लाख से अधिक अप्रवासी शामिल हैं।'' तो वहीं ये संभावना भी जताई जा रही है कि, बाइडन प्रशासन परिवार आधारित आव्रजन प्रणाली का समर्थन करेगा और अमेरिका के आव्रजन प्रणाली के मूल सिद्धांत के रूप में परिवार के एकीकरण को संरक्षित करेगा, जो रोडमैप तैयार किया जाएगा उसमें परिवार वीजा बैकलॉग को कम करना भी शामिल है।

दस्तावेज के अनुसार :

  • बाइडन का नया प्रशासन अमेरिका में प्रत्येक वर्ष आने वाले शरणार्थियों की तय न्यूनतम संख्या 95,000 पर भी संसद के साथ काम करेंगे।

  • बाइडेन यह संख्या 1.25 लाख भी करने की योजना पर काम करेंगे, इससे अमेरिका में आने वाले शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।

  • रोजगार आधारित वीजा को ग्रीन कार्ड के नाम से भी जाना जाता है, इसकी मदद से अमेरिका में प्रवासियों को कानूनी रूप से स्थायी नागरिकता मिलती है। वर्तमान में प्रति वर्ष एक लाख चालीस हजार लोगों को ग्रीन कार्ड दिया जाता है।

इसके साथ ही जो बाइडन के पॉलिसी डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि, ''वे संसद के साथ मिलकर इस संख्या को बढ़ाने का प्रयास करेंगे। इसी साल जून में ट्रंप ने एच1बी वीजा समेत अन्य सभी विदेशी वीजा पर वर्ष के अंत तक रोक लगा दी थी। ऐसा इसलिए किया था ताकि अमेरिकियों को नौकरी मिल सके।''

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