दुनिया में खाद्यान्न संकट की चेतावनी

“फूड कंटेनर्स की डिलेवरी में देरी होने से खाद्यान्न की भी बर्बादी होगी जिसके परिणाम स्वरूप निर्धारित लक्ष्य और नतीजे प्रभावित होंगे।”
कोरोना संक्रमण रोकने प्रतिबंधों के कारण खरीदारी बढ़ने से डिपार्टमेंटल स्टोर में वस्तुओं का संकट पैदा हो गया हैै।
कोरोना संक्रमण रोकने प्रतिबंधों के कारण खरीदारी बढ़ने से डिपार्टमेंटल स्टोर में वस्तुओं का संकट पैदा हो गया हैै।Social Media

हाइलाइट्स :

  • तीन प्रमुख संगठन प्रमुखों ने की अपील

  • कंटेनर्स डिलेवरी में देरी से खराब होगा फूड

  • हस्ताक्षरित पत्र में खाद्यान्न संकट के बारे में चेताया

राज एक्सप्रेस। तीन वैश्विक एजेंसियों के प्रमुखों ने विश्व व्यापी रूप से खाद्यान्न संकट की चेतावनी दी है। तीनों संगठनों के मुताबिक अधिकृत रूप से कोरोना वायरस त्रासदी का उचित प्रबंधन नहीं किया गया तो दुनिया भर में भोजन की कमी का संकट पैदा हो सकता है।

सुपर मार्केट खाली :

दुनिया भर की कई सरकारों के उनके देश में लॉकडाउन के फैसले के कारण अंतरराष्ट्रीय व्यापार और खाद्य आपूर्ति श्रृंखलाओं में गंभीर मंदी का दौर है। कोरोना से दहशत में आए लोगों के तालाबंदी के कारण पूर्व तैयारी बतौर विश्व स्तर पर अधिक खरीदारी करने से आपूर्ति श्रृंखलाओं की कमजोरी भी उजागर हुई है। खरीद का आकस्मिक बोझ बढ़ने से कई देशों के सुपर मार्केट में वस्तुओं की कमी हो गई है।

इनकी चिंता :

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) प्रमुख क्यू डोंग्यू, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस और विश्व व्यापार संगठन (WTO) के डायरेक्टर रॉबर्टो अजेवेडो के संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र में खाद्यान्न की कमी पर चिंता जताई गई है। विश्व के तीनों प्रमुख संगठनों ने आगाह किया है कि; "खाद्य उपलब्धता के बारे में अनिश्चितता से निर्यात प्रतिबंधों का भी सामना करना पड़ सकता है इससे वैश्विक बाजार में खाद्यान्न की कमी पैदा हो सकती है।"

संयुक्त बयान में उल्लेख है कि; "COVID-19 लॉकडाउन के बीच, यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए कि व्यापार यथा संभव स्वतंत्र रूप से जारी रहे। विशेष रूप से भोजन की कमी से बचने के लिए।"

सप्लाई चेन न हो बाधित :

तीनों संगठन प्रमुखों की राय है कि "जब राष्ट्र अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा करने के लिए जतन करें, तो वे यह भी सुनिश्चित करें कि किसी भी व्यापार से संबंधित उपाय खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को बाधित न करें।

नतीजे होंगे प्रभावित :

तीनों संगठन प्रमुखों का मानना है कि लंबे समय तक रोक के आदेश और यात्रा पर प्रतिबंध, कृषि श्रम की अनुपलब्धता के कारण कृषि उत्पादन में अवरोध पैदा करते हैं। ऐसे अवरोधों से कृषि एवं खाद्य इंडस्ट्री को नुकसान होगा, साथ ही फूड कंटेनर्स की डिलेवरी में देरी होने से खाद्यान्न की भी बर्बादी होगी जिसके परिणाम स्वरूप निर्धारित लक्ष्य और नतीजे प्रभावित होंगे।

उन्होंने खाद्य आपूर्ति श्रृंखलाओं को बनाए रखने के लिए खाद्य उत्पादन, प्रसंस्करण और वितरण में लगे कर्मचारियों की रक्षा पर बल दिया ताकि इस वर्ग पर निर्भर दुनिया के अन्य लोगों की भी रक्षा हो सके।साथ ही खाद्य आपूर्ति श्रंखला निर्बाध जारी रहे। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में कमतर नहीं बल्कि और ज्यादा अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दरकार है।

भुखमरी का संकट :

तीनों संगठन प्रमुखों ने अपील की है कि राष्ट्र यह सुनिश्चित करें कि महामारी COVID-19 के प्रसार को रोकने किए जा रहे हमारे प्रयासों से अनायास ही आवश्यक वस्तुओं की कमी न हो, साथ ही इससे भुखमरी और कुपोषण की समस्या न पैदा हो।

भारत में राहत :

पेंडेमिक COVID-19 के संक्रमण को रोकने दुनिया के अधिकांश देशों में लागू तालाबंदी के कारण अब खाद्यान्न जैसे नए संकट की चर्चा को बल मिला है। महामारी से निपटने अनियोजित प्रयासों के परिणाम स्वरूप संपूर्ण विश्व में भोजन-पानी का गंभीर संकट भी गहरा सकता है। खास कर उन देशों में जो खाद्यान्न के मामले में दूसरे देशों पर निर्भर हैं। भारत में सरकार ने लॉकडाउन के दौरान कृषि कार्य को अलग रखा है, ताकि खाद्यान्न संकट न गहराने पाए।

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