अब चीन में भी होंगी दो वैक्सीन, वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को WHO की मंजूरी

अब कोरोना की जन्मभूमि कहे जाने वाले देश चीन में भी दो कोरोना वैक्सीन होंगी। क्योंकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चाइना की दूसरी कोरोना वायरस वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
अब चीन में भी होंगी दो वैक्सीन, वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को WHO की मंजूरी
अब चीन में भी होंगी दो वैक्सीन, वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को WHO की मंजूरीKavita Singh Rathore - RE

राज एक्सप्रेस। देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना प्रकोप के बीच भारत में दो कोरोना वैक्सीन मौजूद है। भारत के अलावा रूस में भी दो वैक्सीन मौजूद है। जिनमें से एक तो सिंगल डोज वैक्सीन है। वहीं, अब कोरोना की जन्मभूमि कहे जाने वाले देश चाइना में भी दो वैक्सीन होंगी। क्योंकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चाइना की दूसरी कोरोना वायरस वैक्सीन के आपात इस्तेमाल (इमरजेंसी इस्तेमाल) की मंजूरी दे दी है।

चीन की दूसरी कोरोना वायरस वैक्सीन को who की मंजूरी :

दरअसल, जब तक सभी देश कोरोना से पूरी तरह निजात नहीं पा लेते तब तक सभी देशों के पास कोरोना से लड़ने के लिए सिर्फ एक ही हथियार है और वो है 'कोरोना वैक्सीन'। आज यह कहना गलत नहीं होगा कि, जिस देश के पास जितनी ज्यादा कोरोना वैक्सीन उस देश के पास उतने हथियार। अब तक भारत और रूस ऐसे देश बन चुके हैं जहां, एक से ज्यादा वैक्सीन मौजूद है, लेकिन अब इस लिस्ट में चीन का नाम भी शामिल हो गया है। क्योंकि, चीन की सिनोवेक बायोटेक द्वारा तैयार की गई दूसरी कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल करने के लिए वर्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की मंजूरी मिल चुकी है।

एक्सपर्ट्स का कहना :

जी हां, फार्मा कंपनी सिनोवेक बायोटेक द्वारा निर्मित की गई कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को WHO की मंजूरी मिल चुकी है। इस मामलें में एक्सपर्ट्स का कहना है कि, 'यह कोरोना वैक्सीन18 साल के ऊपर के लोगों पर लगाया जा सकेगा। फर्स्ट और सेकेंड डोज के बीच का अंतर 2 से 4 हफ्ते के बीच होगा।' बता दें, इससे पहले WHO ने चीन द्वारा निर्मित की गई सिनोफार्म की कोरोना वैक्सीन BBIBP-CorV को भी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। इस वैक्सीन को चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप (CNBG) की सहायक कंपनी बीजिंग बायो-इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलिॉजिकल प्रोडक्ट्स कंपनी लिमिटेड ने तैयार किया है।

कोवैक्सिन जैसी ही है सिनोफार्म :

बताते चलें, सिनोफार्म की वैक्सीन भारत द्वारा निर्मित की गई 'कोवैक्सिन' जैसी ही बताई जाती है। इसका कारण यह है कि, यह दोनों ही वैक्सीन इनएक्टिवेटेड प्लेटफॉर्म पर तैयार की गई है। भारत की कोवैक्सिन को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि, कोवैक्सिन कोरोना के कई वैरिएंट्स पर कारगर है, लेकिन सिनोफार्म की वैक्सीन की वैरिएंट्स पर इफेक्टिवनेस के बारे में कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। बता दें, सिनोफार्म पहली ऐसी वैक्सीन है, जिसे WHO ने मंजूरी दी है।

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