नई शिक्षा नीति भारत ज्ञान की महाशक्ति बनकर उभरेगा
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New Education Policy: नई शिक्षा नीति भारत ज्ञान की महाशक्ति बनकर उभरेगा

New Education Policy 2020: नई शिक्षा नीति को प्रकाश जावड़ेकर ने ऐतिहासिक बताया। तो वहीं, रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा-नई शिक्षा नीति के बाद भारत ज्ञान की महाशक्ति बनकर उभरेगा।

New Education Policy 2020: इन दिनों भारत में नया दौर चल रहा है, क्‍योंकि केंद्र की मोदी सरकार हर कार्य को बदलकर नए तरीके से कर रही है, जिसे हम नए भारत का नया दौर भी कह सकते हैं। अब आज 29 जुलाई को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में नई शिक्षा नीति 2020 को मंज़ूरी दे दी है और खास बात तो ये है कि, देश में 34 साल बाद एक नई शिक्षा नीति लागू की जा रही है।

21वीं सदी की नई शिक्षा नीति को मंजूरी :

केंद्रीय कैबिनेट बैठक में लिए गए इस फैसले के बाद केंद्रीय मानव संसाधान विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस वार्ता कर इस सिलसिले में विस्‍तृत जानकारी साझा की। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में 21वीं सदी की नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई, यह बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि 34 सालों से शिक्षा नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था। मुझे उम्मीद है कि देशवासी इसका स्वागत करेंगे।''

नई शिक्षा नीति को ऐतिहासिक :

सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नई शिक्षा नीति को ऐतिहासिक बताया है।

नई शिक्षा नीति के बाद भारत ज्ञान की महाशक्ति बनकर उभरेगा। नई शिक्षा नीति को व्यापक विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया। विशेषज्ञों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक से गहन चर्चा, परामर्श के बाद इसे तैयार किया गया। सवा 2 लाख सुझाव आए थे। उच्च शिक्षा और स्कूली शिक्षा के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई थीं।

HRD मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक

तो वहीं, प्रकाश जावड़ेकर ने अपनी प्रतिक्रिया में ये भी कहा कि, सरकार ने नई शिक्षा नीति को लेकर 2 समितियां बनाई थीं। एक टीएसआर सुब्रमण्यम समिति और दूसरी डॉ. के कस्तूरीरंगन समिति बनाई गई थी। नई शिक्षा नीति के लिए बड़े स्तर पर सलाह लिया गया। इसके लिए देश की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 6600 ब्लॉक और 676 जिलों से सलाह लिए गए। लोगों से पूछा गया कि, आप नई शिक्षा नीति में क्या बदलाव चाहते हैं।

बता दें कि, नई शिक्षा नीति के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व चीफ के. कस्तूरीरंगन की अगुआई में एक पैनल का गठन किया गया था। इस पैनल ने पिछले साल HRD मिनिस्ट्री में नई शिक्षा नीति के मसौदे को पेश किया था। बाद में उस मसौदे को तमाम हितधारकों के सुझावों के लिए पब्लिक डोमेन में रखा गया। मंत्रालय को इसके लिए करीब सवा 2 लाख सुझाव आए थे।

MHRD नाम चैंज करके शिक्षा मंत्रालय किया :

इसके अलावा मोदी कैबिनेट की बैठक में 'केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय' का नाम बदलकर अब 'शिक्षा मंत्रालय' रखने का निर्णय किया गया है, अब इसे शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा। इसकाे लेकर भी केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा कि, मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदलकर अब शिक्षा मंत्रालय किया गया है। उच्च शिक्षा में प्रमुख सुधारों में 2035 तक 50 फीसद सकल नामांकन अनुपात का लक्ष्य रखा गया है। इसमें एकाधिक प्रवेश/ निकास का प्रावधान शामिल है।

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