जर्मन द्वारा दिए गए बिल को लेकर चाइना ने साधा अमेरिका पर निशाना

कई बड़े देश चाइना को कोरोना वायरस का जिम्मेदार मानते हुए अलग-अलग कदम उठा रहे हैं। इन कदमों के तहत जर्मनी ने हाल ही में एक कदम उठाया था। जिसको लेकर चाइना ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
China Reaction on Germany Corona Damage Bill
China Reaction on Germany Corona Damage BillKavita Singh Rathore -RE

राज एक्सप्रेस। आपने अक्सर बच्चों का आपस में लड़ते हुए देखा होगा, एक दूसरे को किसी गलती का जिम्मेदार ठहराते हुए भी देखा होगा। ठीक बिल्कुल ऐसा ही हाल इस समय पूरी दुनिया का हो रहा है। इसका एक उदाहरण चाइना ने जर्मन पर सवाल उठाकर पेश किया है। दरअसल, एक-एक करके दुनिया भर के सभी देशों में कोरोना वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है और लगभग सभी देश इस जानलेवा वायरस का जिम्मेदार चाइना को भी ठहरा रहे हैं। इसी के चलते अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देश चाइना पर अपना गुस्सा दिखाते हुए अलग-अलग कदम उठा रहे हैं। इन कदमों के तहत जर्मनी ने हाल ही में एक कदम उठाया था। जिसको लेकर चाइना ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

चाइना की प्रतिक्रिया :

जर्मन द्वारा दिए गए बिल को देखकर चाइना बौखलाया हुआ था। चाइना ने इस बौखलाहट में अमेरिका को निशाना बनाते हुए कहा कि, जब दुनिया में एचआईवी (HIV) और एच1एन1 (H1N1) वायरस फैला था, तब किसी भी देश ने क्या अमेरिका को कोई ऐसा बिल पहुंचाया था, या किसी प्रकार का कोई मुआवजा मांगा था ?

अमेरिका के निशाने पर चाइना :

बताते चलें, अमेरिका में कोरोना वायरस की शुरुआत होने से लेकर अब तक चाइना हमेशा ही अमेरिका के निशाने पर रहा है। अमेरिका का मानना है कि, कोरोनावायरस चाइना की देन है। वहीं, अब अमेरिका ने ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों को वायरस की रोकथाम को लेकर पारदर्शिता बरतने की सलाह दी है। इन हालातों में चाइना ने अमेरिका को एच1एन1 वायरस, एड्स और साल 2008 में आई आर्थिक मंदी का जिम्मेदार ठहराया है।

चाइना के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना :

चाइना के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गैंग शुग्वांग का कहना है कि, जब साल 2009 में अमेरिका से H1N1 फ्लू फैलने की शुरुआत हुई थी। जिस एक वायरस ने पूरी दुनिया के 214 देशों को अपनी चपेट में ले लिया था। उस वायरस से पूरी दुनिया में 2 लाख लोगों की जान गई थी, लेकिन क्या उस समय किसी भी देश ने अमेरिका से मुआवजे की मांग की थी ? प्रवक्ता ने आगे कहा कि, साल 1980 में पहली बार अमेरिका में एचआईवी एड्स फैला था और फिर यह फैलता चला गया जिससे पूरी दुनिया में चिंता बढ़ गई थी, लेकिन किसी ने अमेरिका से कोई जवाब नहीं मांगा और ना अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया था।

जर्मनी ने की थी मुआवजे की मांग :

बताते चलें, हाल ही में जर्मनी द्वारा चाइना से जर्मनी में हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे की मांग की थी। इस नुकसान के बारे में जर्मनी के एक अखबार 'बिल्ड' ने संपूर्ण जानकारी दी थी। उधर ब्रिटेन द्वारा कोरोना महामारी को लेकर अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की गई है।

चाइना कर रहा आरोपों का खंडन :

एक तरफ सभी देश चाइना को कोरोनावायरस का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, इतना ही नहीं अमेरिका ने तो चाइना को कोरोनावायरस का जिम्मेदार मानते हुए सीधे मुंह धमकी भी दे डाली है। अमेरिका ने कहा है कि, यदि कोरोनावायरस का जिम्मेदार चाइना निकला तो, इससे उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। वहीं दूसरी तरफ चाइना लगातार इन सभी आरोपों का खंडन कर रहा है।

अमेरिका द्वारा अर्थव्यवस्था के नुकसान होने पर चाइना से मुआवजे की मांग पर चाइना ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, जब अमेरिका में लीमैन ब्रदर्स के गिरने से साल 2008 में आर्थिक मंदी का माहौल था तब किसी ने अमेरिका को किसी प्रकार की कोई धमकी नहीं दी थी। जर्मनी द्वारा चाइना को दिए गए कोरोना से हुए नुकसान के बिल से जुड़ी जानकारी के लिए - क्लिक करें

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