प्राथमिकता हेल्थ इन्फ्रा में तेजी लाना है, न कि लॉकडाउन लगाना : FM सीतारमण

पिछले साल 25 मार्च से 68 दिन के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण 2020-21 की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 24.4% संकुचन हुआ था।
सांकेतिक चित्र
सांकेतिक चित्रSyed Dabeer Hussain - RE

हाइलाइट्स –

  • टेलीफोन पर की चर्चा

  • इंडस्ट्री के लीडर्स से हुई बात

  • अर्थव्यवस्था सुधारने मांगे सुझाव

राज एक्सप्रेस। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को दुरुस्त रखने के मकसद से सोमवार को उद्योग जगत के लीडर्स से सुझाव प्राप्त किए।

बताई केंद्र सरकार की प्राथमिकता -

फाइनेंस मिनिस्टर (एफएम, FM) सीतारमण ने कहा कि, केंद्र सरकार की तात्कालिक प्राथमिकता देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करना और अर्थव्यवस्था की विकास गति को बनाए रखना है। वित्त जगत की रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग जगत के लीडर्स को किये जा रहे प्रयासों से अवगत कराया।

सुझावों पर गौर -

फाइनेंस मिनिस्टर ने महामारी की दूसरी राष्ट्रव्यापी लहर के बीच अर्थव्यवस्था को उबारकर सार्थक गति सतत रखने के लिए सोमवार को प्रमुख उद्योग संघों और एक दर्जन से अधिक व्यापारिक नेताओं के सुझावों पर गौर किया।

मीडिया रिपोर्ट में नाम की गोपनीयता की शर्त पर आधारित सूत्रों की जानकारी के मुताबिक इस दौरान एफएम सीतारमण ने इंडस्ट्री को आश्वस्त किया कि, देशव्यापी तालाबंदी नहीं होगी।

FM ने किया ट्वीट -

उन्होंने सोमवार को ट्विटर पर भी इस बारे में जानकारी साझा करते हुए लिखा कि,

"निम्नलिखित (ट्वीट के साथ नामों की लंबी फेहरिस्त) व्यापारिक/चैंबर लीडर्स में से प्रत्येक के साथ टेलीफोन पर बात की। उद्योग/संघ से संबंधित मामलों पर उनके इनपुट्स लिए। उन्हें सूचित किया कि @PMOIndia से विभिन्न स्तरों पर भारत सरकार #Covid management को देख रही है। जीवन और आजीविका के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।"

निर्मला सीतारमण, भारत के वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री

पिछला लॉकडाउन रिकॉर्ड -

सरकार सतर्क है कि दूसरी लहर हालिया आर्थिक सुधार को बाधित न करे। हालांकि पिछले साल 25 मार्च से 68 दिन के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण 2020-21 की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 24.4% संकुचन हुआ था।

31 दिसंबर को समाप्त तीन महीनों में 0.4% का विस्तार करने से पहले दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में 7.3% की कमी आई। कुल मिलाकर, 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 8% तक संकुचन की उम्मीद है।

आरबीआई का अनुमान -

हाल ही में 7 अप्रैल को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के प्रोजेक्शन के अनुसार, 2021-22 के दौरान अर्थव्यवस्था में 10.5% की वृद्धि संभावित है। उम्मीद जताई गई है कि, Q1 में 26.2%, Q2 में 8.3%, Q3 में 5.4% और Q4 में 6.2% के तिमाही पथ के साथ वृद्धि अपेक्षित है।

हेल्थकेयर/फार्मा सेक्टर को सहायता -

एफएम ने कहा कि, “सरकार स्वास्थ्य सेवा और फार्मास्युटिकल क्षेत्रों को सभी सहायता देगी ताकि वे चिकित्सा सुविधाओं, टीकों, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, चिकित्सा उपकरण और महत्वपूर्ण दवाओं की घरेलू आवश्यकता को पूरा करें।" सूत्रों के मुताबिक इंडस्ट्री ने कई नीतिगत उपाय सुझाए हैं, जिन्हें सरकार के शीर्ष स्तर पर विचार किया जाएगा।

नीतिगत उपायों पर मंथन -

सूत्र आधारित एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने, महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर अनुपालन बोझ को कम करने और इस कठिन समय में उद्योग, विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई/MSMEs) को समर्थन देने के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए कई नीतिगत उपायों पर विचार कर रही है।

बताया जा रहा है प्राथमिकता के आधार पर अलग-अलग हिस्सों में उपायों की घोषणा की जाएगी एवं स्थिति के अनुसार नीतिगत प्रतिक्रिया दिखाई देगी।

ECLGS का दायरा -

हाल ही में सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) के दायरे को बढ़ाया था। यह निर्णय इसलिए लिया गया था ताकि छोटी और मध्यम कंपनियों के कर्जदारों को मूलधन या ब्याज चुकाने के लिए अधिक समय मिल सके।

डिस्क्लेमर आर्टिकल प्रचलित मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com