योजनाओं को दरकिनार कर करवा रहा सर्वे
योजनाओं को दरकिनार कर करवा रहा सर्वेPriyanka Yadav -RE

गैरजिम्मेदार विभाग का कारनामा:योजनाओं को दरकिनार कर करवा रहा सर्वे

भोपाल, मध्य प्रदेश : आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से घर-घर बीपीएल कार्डो का सर्वे कराना महिला बाल विकास विभाग के लिए भारी पड़ता दिख रहा है।

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से बीपीएल राशनकार्डो के सत्यापन का कार्य कराने का मामला! जिससे नाराज भारतीय मजदूर संघ ने जिला कलेक्टरों को पत्र लिखा था। इस मामले में कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से घर-घर बीपीएल कार्डो का सर्वे कराना महिला बाल विकास विभाग के लिए भारी पड़ता दिख रहा है। कलेक्टरों के दबाव में यह काम कर रहीं कार्यकर्ताओं की मानें तो इस दीगर कार्य की विभाग को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, क्योंकि राज्य में संचालित जनहितैषी योजनाओं का पूरा कार्य इससे प्रभावित हो रहा है।

बता दें कि महिला बाल विकास विभाग के अधीन नियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य प्रदेश में बच्चों के कुपोषण खात्मे में सहयोग, गर्भवती और धात्री महिलाओं को जागरूक करना, केन्द्रों पर पोषण आहरण का वितरण मुख्य कार्य हैं। इसके अलावा विभाग के अधीन संचालित अन्य योजनाओं के सुचारू संचालन में इनकी भूमिका निर्धारित की गई है। पिछले तीन साल से इस कार्य के अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की लगाई गई है। जो अभी भी यथावत चल रही है। पिछले दिसंबर माह से इनसे बीपीएल कार्डो के सर्वे का कार्य कलेक्टर करवा रहे हैं। इसके लिए खाद्य विभाग के अंतर्गत राशन कार्डो के परीक्षण का कार्य कराने के आदेश जारी हुए थे।

कलेक्टर यथावत ले रहे सेवा

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि- अन्य कार्य करवाकर उन्हें मुसीबत में डाला जा रहा है। पहले से ही कार्यकर्ता अपना मुख्य कार्य नहीं कर पा रही हैं। इनसे बीएलओ ड्यूटी करवाई जा रही हैं। जब महिला बाल विकास विभाग का कार्य समय पर नही हो पाता है तो कार्यकर्ताओं को कार्यवाही भी झेलनी पड़ रही है। अन्य कार्यो में ड्यूटी लगने से हम मुख्य सेवाओं पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। इस कारण हमारे साथियों को कार्यवाही का शिकार होना पड़ रहा है। बीपीएल राशन कार्डो के सत्यापन में ड्यूटी लगाना पूरी तरह गलत है। कलेक्टर यह काम दबाव बनाकर यथावत ले रहे हैं।

सचिव जेएन कंसौटिया ने सभी कलेक्टरों को जारी किया था एक पत्र

पीएस का आदेश नहीं मान रहे महिला बाल विकास के तत्कालीन प्रमुख सचिव जेएन कंसौटिया ने सभी कलेक्टरों को एक पत्र जारी किया था। इस पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं से आईसीडीएस कार्यो के अतिरिक्त अन्य कोई कार्य न लिया जाए। आंगनबाड़ी सेवाओं के अंतर्गत शून्य से 6 वर्ष तक के बच्चों गर्भवती व धात्री महिलाओं के पोषण एवं स्वास्थ्य की दिशा में कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं में कार्य निर्धारित किया गया है। कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अन्य कार्यो में लगाये जाने से विभाग की महत्वपूर्ण सेवाएं प्रभावित होती हैं। भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री केपी सिंह कहते हैं कि यह आदेश होने के बावजूद भी बेरोकटोक अन्य कार्यो में इनकी सेवाएं ली जा रहीं हैं। यहां तक कि मंत्रालय में बैठे प्रमुख सचिवों का आदेश मानने को भी कलेक्टर तैयार नहीं हैं।

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