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आर्थिक नीति

रेल, टेलिकॉम संपत्ति मुद्रीकरण से 1.3 लाख करोड़ जुटाने के बाद अन्य की बारी!

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स –

  • परिसंपत्ति मुद्रीकरण का निर्णय

  • PSU एसेट मोनेटाइजेशन का लक्ष्य

  • नवीन संपत्ति सृजन व्यवस्था की पहल

राज एक्सप्रेस। बेपटरी हुई भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के साथ ही नवीन संपत्तियों के सृजन के लिए पीएसयू (PSU) के परिसंपत्ति मुद्रीकरण (Asset Monetisation) का सरकार ने निर्णय लिया है।

PSU पर नजर -

दरअसल भारत की केंद्रीय सरकार ने पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (Public sector undertakings) (PSU/पीएसयू) यानी सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रम के एसेट मोनेटाइजेशन का खाका तैयार किया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने आगामी 3 सालों में PSU कंपनियों की संपत्तियों के मुद्रीकरण से ढाई (2.5) लाख करोड़ रुपयों का फंड जुटाने का टारगेट तय किया है।

आधे लक्ष्य का प्लान -

इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए केंद्र सरकार कुल तय लक्ष्य की आधे से अधिक राशि का हिस्सा अर्थात 1.30 लाख करोड़ रुपये रेलवे और टेलीकॉम सेक्टर की संपत्ति को बेचकर यानी मोनेटाइज के जरिये जुटाएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सरकार ने विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपया जुटाने का लक्ष्य रखा है।

इन लक्ष्यों की पूर्तियों के लिए -

सरकार ने खाद्यान्न संग्रहण के लिए गोदामों सहित कोयला और अन्य खनन एवं पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे के सृजन के लिए खास प्लान तैयार किया है।

इस हेतु निर्धारित 2.5 लाख करोड़ रुपये में से आधे की पूर्ति के लिए रेलवे और दूरसंचार से जुड़ी अपनी संपत्ति के मुद्रीकरण लक्ष्य पर सरकार ने ध्यान केंद्रित किया है। नवीन संपत्ति सृजन की व्यवस्था के लिए यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

सरकार के कई सालों तक पटरी पर चलने में विफल रहने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (finance minister Nirmala Sitharaman) ने बजट में बड़े पैमाने पर परिसंपत्ति मुद्रीकरण (Asset Monetisation) पहल की घोषणा की।

गौरतलब है कि; प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य, जिसे अगले तीन से चार वर्षों में पूरा किया जाना है, पर सरकार का खास फोकस है। इस एसेट मोनेटाइजेशन को इस लक्ष्य की दिशा में अगला कदम बताया जा रहा है।

प्रमुख दो लक्ष्य -

साल 2021-22 के बजट में प्रमुख दो कारकों परिसंपत्ति मुद्रीकरण एवं निजीकरण पर खास ध्यान दिया जा रहा है। इनका उद्देश्य अर्थव्यवस्था को और अधिक कुशल बनाने के लिए एक पूर्ण बदलाव लाना है। साथ ही निजी क्षेत्र को वसूली में मदद करने के लिए भी सहूलियत प्रदान करना है।

पीएम की रुचि -

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में नीति आयोग को योजना का रोडमैप तैयार करने का काम सौंपा गया और मंत्रालयों के साथ गठजोड़ करने का जनादेश भी दिया गया।

रेलवे से इतना -

मंत्रालयों और विभागों के साथ विचार-विमर्श के बाद स्टेशनों के आधुनिकीकरण और निजी गाड़ियों को शुरू करने पर ध्यान देने के साथ रेलवे के लिए 90,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया गया है।

रिपोर्ट्स कहती हैं कि; समर्पित माल ढुलाई निगम ने भी पसंदीदा स्लॉट्स को बेचने या तेज माल गाड़ियों के परिचालन जैसे कदमों के माध्यम से बुनियादी ढांचे के मुद्रीकरण में रुचि दिखाई है।

दूससंचार के लिए लक्ष्य -

इसके अलावा घाटे में चल रहे राज्य के स्वामित्व वाले बीएसएनएल (BSNL) और एमटीएनएल (MTNL) के टॉवरों और उनके ऑप्टिक फाइबर इन्फ्रास्ट्रक्चर के मुद्रीकरण से लगभग 40,000 करोड़ रुपयों के सृजन का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है।

योजना के मुताबिक टावरों की बिक्री सार्वजनिक क्षेत्र की इन दो कंपनियों के सुधार का एक प्रमुख तत्व माना जा रहा है, लेकिन संस्थाएं इस पर कार्रवाई करने में विफल रही हैं।

विशेषज्ञों को संशय -

विषय के जानकारों ने सरकार की योजना की सफलता पर संदेह व्यक्त किया है। हालांकि नीति आयोग प्रगति पर नजर रखने की रणनीति पर काम कर रहा है। सचिव राजीव गौबा (Rajiv Gauba) की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति कार्य योजना पर काम कर रही है।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने सरकारी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में बताया है कि केंद्र का प्रबुद्ध मंडल भी ऐसे अन्य विकल्पों की तलाश में है जिनसे लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल सके।

संशय की वजह -

दरअसल बिजली और सड़क संबंधी दो क्षेत्रों जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) (Infrastructure Investment Trust/InvITs) यानी बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट का अनुसरण किया जा रहा है, वहां अपेक्षाकृत कम महत्वाकांक्षी लक्ष्य प्राप्त हो पाए हैं। हालांकि उन्होंने योजना को लागू करने के लिए संरचना तय की है।

इसके बाद इनको लक्ष्य -

रिपोर्ट्स कहती हैं कि; रेलवे और दूरसंचार के बाद अन्य मंत्रालयों की बात करें तो हवाई अड्डों, पाइप लाइनों, खेल स्टेडियमों और अन्य परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण की भी योजना बनाई जा रही है।

डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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